Weather update : सितंबर माह में टूट सकता है 9 साल की सबसे कम बारिश का रिकॉर्ड

भोपाल। अच्छे भले मानसूनी सीजन में जेठ की गर्मी पड़ रही है। इससे सभी के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के अनुसार अभी न तो बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी सिस्टम है और न ही शहर में कोई लोकल सिस्टम ही एक्टिव है, इससे बारिश की उम्मीद अभी नहीं है। 3 सितंबर को खाड़ी में सिस्टम बनने के बाद प्रदेश और भोपाल में भी पहले सप्ताह के बाद 7 से 10 सितंबर के बीच हल्की बारिश की उम्मीद है। पहले सप्ताह में 25 मिमी से कम बारिश होने का अनुमान है। शुक्ला के अनुसार हवा में नमी बनी रहने से तापमान में बहुत तेजी से बढ़त नहीं होगी, लेकिन सितंबर के दूसरे सप्ताह के बाद बारिश में और कमी आने से गर्मी तेज होगी। 15 सितंबर के बाद बारिश में कमी आने लगती है, जिससे तापमान में बढ़त होगी। मौसम केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटे में कुछ जिलों में कम बारिश होगी, वहीं भोपाल में बादलों का आना रहेगा।
मानसून लगातार निष्क्रिय
मानसून लगातार निष्क्रिय बना हुआ है। अगस्त के अंतिम दिन गुरुवार को भी भोपाल में बारिश का आंकड़ा सामान्य से करीब 300 मिमी कम है। शहर में बुधवार तक कुल 593.9 मिमी बारिश हुई है। वहीं प्रदेश में भी यह कम बारिश का आंकड़ा लगातार बढ़ेगा। इससे अनुमान है कि सितंबर के महीने में भी बारिश में काफी कमी रहेगी। शहर में कम बारिश के लिहाज से 9 साल का रिेकार्ड टूट सकता है। मौसम केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटे में कुछ जिलों में कम बारिश होगी, वहीं भोपाल में बादलों का आना जारी रहेगा।
पिछले 10 साल में सबसे कम बारिश
शहर में बीते 10 साल में पूरे महीने में सबसे कम बारिश 2013 में केवल 42 मिमी हुई थी। इसके बाद वर्ष 2022 तक कभी भी 99 मिमी से क म बारिश नहीं हुई। मौसम विशेषज्ञ शुक्ला के अनुसार सितंबर के पहले सप्ताह में भोपाल में बारिश बहुत कम होगी। इसके बाद मामूली बौछारें पड़ेंगी। सितंबर में भी सामान्य बारिश का आंकड़ा काफी कम रहेगा। सितंबर में यहां सामान्य तौर पर 175.6 मिमी बारिश होती है, जो करीब 8 दिन में रुक रुककर दर्ज होती है, लेकिन इस बार बारिश के दिनों की संख्या कम होने के साथ ही बारिश की रफ्तार भी कम रहेगी। इससे वर्ष 2013 के बाद यह दूसरा ऐसा साल होगा जब इतनी कम बारिश होगी।
यहां वर्ष 1961 में हुई थी 767.7 मिमी बारिश
वर्ष 1961 में यहां अब तक के रिकार्ड में सबसे अधिक बारिश 767.7 मिमी दर्ज हुई थी। वहीं 24 घंटे में सर्वाधिक 233.2 मिमी 2 सितंबर 1947 को हुई थी।
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