फॉरेन फंडिंग से जुड़ा 155 करोड़ का मामला, मुंबई के कारोबारी भी आरोप में शामिल, सीबीआई ने मारे छापे

फॉरेन फंडिंग से जुड़ा 155 करोड़ का मामला, मुंबई के कारोबारी भी आरोप में शामिल, सीबीआई ने मारे छापे
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विदेशी फंडिंग के मामले में सीबीआई ने जांच में बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई ने मामले में मुंबई के रहने वाले कारोबारी के भी हाथ होेने की बात कही। हांगकांग की दो कंपनियों ने मुबंई के कारोबारी के खाते में 76.99 हजार लाख डालर भेजे।

विदेशी फंडिंग के मामले में सीबीआई ने जांच में बड़ा खुलासा किया है। 155 करोड़ की फॉरेन फंडिंग के मामले में हांगकांग से निकिल (धातु) खरीदने के लिए फर्जी बिल देकर बैंकों में ट्रांसफर कराया गया है। हांगकांग की दो कंपनियों ने मुबंई के कारोबारी के खाते में 76, 99 हजार लाख डालर भेजे। जिसके बाद मुंबई की कंपनी ने बैंक में फर्जी बिल, इंपोर्ट ड्यूटी के दस्तावेज जमा कर भारतीय करेंसी में फंड निकाल लिया।

फिर विदेशी फंडिंग को सोसायटी कंपनियों के जरिए मनी ट्रेल किया गया। इस मामले में सीबीआई ने जांच करते हुए मध्य प्रदेश, मुंबई और गुजरात के 18 लोगों को आरोपी भी बनाया है। सीबीआई ने पिछले दिनों भोपाल और मुंबई में छापेमारी करते हुए 94 लाख रुपए कैश भी बरामद किया था। सूत्रों ने बताया कि बैंक आफ बड़ोदा के जीएम ने सीबीआई से शिकायत करते हुए बताया कि कलर ट्रेडिंग कंपनी ने करंट एकाउंट खोला। इसके बाद कंपनी के मालिक रूद्र प्रताप सिंह ने विदेश से लैंप और निकिल के अलावा अन्य सामान विदेश बुलाने के लिए बैंक को जानकारी दी। बैंक ने जानकारी देते हुए बताया कि कलर ट्रेडिंग कंपनी ने 34 खातों से 76 लाख 99 हजार डालर लिया। इसके बाद मुंबई की कंपनी ने फर्जी दस्तावेज जमा किए कि उन्होंने खरीदी कर ली है। इस मामले में बैंक के भी स्टाफ की भूमिका पाई गई है। सीबीआई फिलहाल दस्तावेजों के वेरिफिकेशन करने वाले स्टाफ की तलाश कर रही है। सीबीआई ने जांच में पाया है कि एलीट स्टार इंटरनेशनल ट्रेडिंग कंपनी और हनी वेल्थ हांगकांग लिमिटेड से लेनदेन किया है। खासतौर से निकल के बिलों में हेरफेर किया गया है। फिलहाल हिरासत में लिए गए आरोपियों से सीबीआई पूछताछ कर रही है।

49 करोड़ का बैंक को लगाया चूना

इस मामले में बैंक को भी करोड़ों रुपए का चूना लगा है। बैंक आफ बड़ौदा ने कहा है कि कलर ट्रेडिंग कंपनी ने 49 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। बैंकिंग एक्सपर्ट का कहना है कि डायरेक्ट इंपोर्ट का नियम नहीं है। इसके लिए विदेश मंत्रालय को भी जानकारी होती है। इस मामले में हांगकांग की कंपनियों से सीधे की फंड ट्रांसफर कर दिया। इंपोर्ट करने वाली कंपनी ने फर्जी बिल और पास भी बैंक में जमा किए। इसके अलावा कई अन्य अकाउंट में आरटीजीएस किया गया है। इस मामले में सीबीआई ने अलग-अलग तीन एफआईआर दर्ज की है। इसके अलावा जिन खाते में फंड ट्रांसफर किया है। उनके खिलाफ भी नोटिस जारी किया गया है।

कंपनियों और कारोबारियों पर भी एफआईआर

तीन विभिन्न मामलों में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें से मुंबई के मोहम्मद फारुक मोहम्मद हनीफ शेख,गुलाम नबी अब्दुल कादर कुरैशी, मोहम्मद गौस अब्दुल हमीद कुरैशी, मोहम्मद गौस मोहम्मद हनीफ शेख, शोएब मोहम्मद यासीन अंसारी, रवींद्र रत्नाकर, साहिल उर्फ मोहम्मद हुसैन मोहम्मद हनीफ शेख, राजा अब्बास मोतीवाला, जमील अतीउल्लाह शेख, समीर उर्फ अशवक इब्राहिम कुरैशी, वसीम, दीपक दिवाकरण नायक, जितेश हरीश कुमार जोतानी व खेतमल संपत्तराज जैन, ठाणे के निखिल नरेश राउत, विनोद सरैया व नीरज राजकुमार सिंह शामिल हैं। सोहेल अंसारी का पता अज्ञात है। वहीं, जिन सोसायटी के खिलाफ ये मामले बने हैं वे अहमदनगर महाराष्ट्र की हैं। इनमें धनेश्वरी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी, रेणुका माता मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी, मंगलदीप मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी शामिल हैं।

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