मप्र ने शिक्षा के क्षेत्र में लगाई ऊंची छलांग, 17 वें स्थान से 5 वें स्थान पर आया, शिवराज का एक और बड़ा फैसला

मप्र ने शिक्षा के क्षेत्र में लगाई ऊंची छलांग, 17 वें स्थान से 5 वें स्थान पर आया, शिवराज का एक और बड़ा फैसला
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बिना किसी शोर शराबे के मप्र ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी ऊंची छलांग लगा ली। महज एक साल पहले तक नेशनल अचीवमेंट सर्वे में मप्र का स्थान देश में 17 वें नंबर पर था, किंतु आज अपना मप्र 5 वें नंबर पर आ गया। प्रदेश को यह एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज मैं एक फैसला और कर रहा हूं। अब पहले साल 70 फीसदी व दूसरे साल 100 फीसदी सैलरी दी जाएगी। प्रोबेशन पीरीएड के दो सालों में चार हिस्सों में सैलरी बांटना मुझे न्याय नहीं लगता।

भोपाल। बिना किसी शोर शराबे के मप्र ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी ऊंची छलांग लगा ली। महज एक साल पहले तक नेशनल अचीवमेंट सर्वे में मप्र का स्थान देश में 17 वें नंबर पर था, किंतु आज अपना मप्र 5 वें नंबर पर आ गया। प्रदेश को यह एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। इतना ही नहीं शिवराज सरकार ने वर्ष 2021 से लेकर अब तक में 60 हजार नए शिक्षकों की नियुक्तियां भी कर दी। 53 जिलों के हिसाब से औसत एक हजार से अधिक शिक्षक नियुक्त हुए।

दो साल में नियुक्त हुए 60 हजार शिक्षक

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को अपने निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में 22,461 नव नियुक्त शिक्षकों को उनकी नियुक्ति के आदेश दिए। इस मौके पर मुख्यमंत्री चौहान ने शिक्षकों से कहा कि मप्र के स्कूल शिक्षा विभाग को बधाई देना चाहूंगा, खासकर दोनों विभागों को। चूंकि आपने बहुत गंभीरता से नई शिक्षा नीति लागू करने का काम किया है, लगातार हम लोग प्रयास कर रहें है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 से लेकर अब तक 60 हजार से अधिक शिक्षक नियुक्त हुए है। 53 जिलों के हिसाब से पिछले 3 वर्षो में प्रदेश के प्रत्येक जिले में औसतन 1000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।

शिवराज ने लिया एक और बड़ा फैसला

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज मैं एक फैसला और कर रहा हूं। पिछली सरकार ने एक गलत काम जो किया था, उसको थोड़ा सुधार रहा हूं। अब पहले साल 70 फीसदी व दूसरे साल 100 फीसदी सैलरी दी जाएगी। चूंकि प्रोबेशन पीरीएड के दो सालों में चार हिस्सों में सैलरी बांटना मुझे तो न्याय नहीं लगता। तरसा- तरसा कर सैलरी देना मुझे ठीक नहीं लगता। इसलिए यह निर्णय लिया है कि पहला साल आपकी परीक्षा का होगा। इस दौरान 70 फीसदी सैलरी मिलेगी, जबकि दूसरे साल अच्छा पढ़ाओ और शत प्रतिशत सैलरी पाओ।

22 हजार शिक्षकों की निुयक्ति मौन साधना- मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम के लिए भेजे गए अपने वीडियो संदेश में कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय मूल्यों के संवर्धन पर जोर देती है। मप्र में व्यापक तौर पर शिक्षकों की भर्ती की गई है। इस साल 22 हजार शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने इन सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण बात है कि इन शिक्षकों में से लगभग आधे शिक्षक जनजातीय बहुल इलाकों के विद्यालयों में नियुक्त किए गए हैं। इनकी नियुक्ति से सर्वाधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को मिलेगा। हमारी भावी पीढ़ी को लाभ मिलेगा। मप्र सरकार ने इस वर्ष एक लाख से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती का लक्ष्य रखा है, जो प्रसन्नता का विषय है।

मप्र सरकार को इस मौन साधना के लिए बहुत-बहुत बधाई

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के अंत तक 60 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का लक्ष्य है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि मप्र शिक्षा सर्वे में देश में 17 वें स्थान से छलांग लगा कर 5 वें स्थान पर आ गया है। शिक्षा की गुणवत्ता की दृष्टि से मप्र की यह बड़ी उपलब्धि है। मप्र ने बिना शोर मचाए यह उपलब्धि हासिल की। इस तरह का कार्य करने के लिए समर्पण की जरूरत होती है। इसके बिना यह संभव नहीं होता। एक तरह से यह मौन साधना का भाव है। शिक्षा के प्रति भक्ति भाव से यह संभव होता है। उन्होंने मप्र के विद्यार्थियों, सभी शिक्षकों और मप्र सरकार को इस मौन साधना के लिए बहुत-बहुत बधाई दी।

शिक्षकों पर भावी पीढ़ी के निर्माण का दायित्व- चौहान

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज का दिन अविस्मरणीय है। शिक्षक का सही नाम गुरू होता है। यहां मौजूद सभी शिक्षक गुरू हैं। गुरू वशिष्ठ और गुरू द्रोणाचार्य से लेकर अनेक ख्यातिनाम गुरू हुए। यदि कोई नौकरी के भाव से शिक्षक बनता है तो वह रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है जो आवश्यक भी है, लेकिन गुरू का कार्य प्रोफेशन से आगे मिशन भाव से कार्य करना है। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विजनरी लीडर हैं। उनके दृढ़-संकल्प से एक सर्व सम्मत शिक्षा नीति-2020 भारत में आई है। इसके तहत ही शिक्षा व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से कहा कि यदि आपको बच्चों को सकारात्मक दिशा में बदलना है तो पहले स्वयं को बदलना होगा।

राज्यपाल कार्यक्रम में वर्चुअल जुड़े

राज्यपाल मंगूभाई पटेल और स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार वर्चुअल जुड़े। जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह ने शुरूआती संबोधन दिया। कार्यक्रम में योग आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा, पाठ्य-पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र बरूआ, महर्षि पतंजलि संस्थान के अध्यक्ष भरत दास बैरागी, योग संस्था की अध्यक्ष सुश्री पुष्पांजलि शर्मा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य श्रीमती पल्लवी जैन गोविल, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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