मध्यप्रदेश में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा दिल्ली के दरबार में पहुंचा, मलाईदार महकमों पर खीचतान

मध्यप्रदेश में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा दिल्ली के दरबार में पहुंचा, मलाईदार महकमों पर खीचतान
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मंत्रिमंडल विस्तार की गुत्थी सुलझाने के बाद अब मंत्रियों के लिए विभागों के बंटवारे पर पेंच फंस गया है। खबर है, दिल्ली में जब मंत्रियों के नाम फाइनल हुए थे तब ही विभागों के बारे में भी फैसला हो गया था। इसके बाद शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने आए ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिन भोपाल में रहे तब भी विभागों को लेकर बातचीत हुई। बावजूद इसके शपथ ग्रहण के तीन दिन बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं हो सका।

मंत्रिमंडल विस्तार की गुत्थी सुलझाने के बाद अब मंत्रियों के लिए विभागों के बंटवारे पर पेंच फंस गया है। खबर है, दिल्ली में जब मंत्रियों के नाम फाइनल हुए थे तब ही विभागों के बारे में भी फैसला हो गया था। इसके बाद शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने आए ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिन भोपाल में रहे तब भी विभागों को लेकर बातचीत हुई। बावजूद इसके शपथ ग्रहण के तीन दिन बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं हो सका। मलाईदार विभागों को लेकर मची खींचतान के कारण यह मामला दिल्ली दरबार पहुंच गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विभाग बंटवारे में फंसे पेंच को सुलझाने के लिए शनिवार की रात दिल्ली निकल गए। वे रविवार को वापस आएंगे। समझा जाता है कि इसके बाद ही मंत्रियों के लिए विभाग बंटवारे की अधिकृत सूचना जारी होगी।

सिंधिया खेमे की इन विभागों पर नजर

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिस तादाद में अपने साथ आए बागियों को मंत्री बनवाया है, इसी तर्ज पर वे इनके लिए महत्वूपर्ण विभाग भी चाहते हैं। वजह बताई जा रही है कि काम वाले विभाग मिलेंगे, तब ही उप चुनाव जीतने में मदद मिल सकेगी। सूत्रों के अनुसार सिंधिया खेमे की नजर जल संसाधन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, सहकारिता, नगरीय प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, वाणिज्यिक कर, खनिज, महिला एवं बाल विकास, पीएचई, परिवहन, स्कूल शिक्षा, ऊर्जा, वन जैसे विभागों पर है। मंत्रियों की संख्या की तरह विभागों को लेकर भी सिंधिया समझौते के मूड में नहीं हैं। मंत्रिमंडल में सिंधिया खेमे से 10 केबिनेट एवं 4 राज्यमंत्री बने हैं। इनमें तीन बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना एवं हरदीप सिंह डंग भी शामिल हैं।

पहले के पांच मंत्री भी हो सकते प्रभावित

पहले चरण में मुख्यमंत्री ने नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, कमल पटेल एवं मीना सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया था। इनमें से नरोत्तम एवं गोविंद के पास दो-दो विभागों की जवाबदारी है। सूत्रों का कहना है कि इनके एक-एक विभाग पर कैंची चल सकती है। हालांकि दोनों अपना एक भी विभाग नहीं छोड़ना चाहते। नरोत्तम को केंद्रीय नेतृत्व का वरदहस्त है जबकि गोविंद को सिंधिया का सबसे विश्वस्त माना जाता है। इन मंत्रियों को काम करते ज्यादा समय नहीं हुआ फिर भी इनके विभागों में फेरबदल किया जा सकता है।

बिना असंतोष बंटवारे की कोशिश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा नेतृत्व चाहता है कि विभागों के बंटवारे को लेकर मंत्रियों में असंतोष की खबरें बाहर न आएं। खासकर सिंधिया से जुड़े मंत्रियों को अच्छे विभाग मिलने पर पार्टी के वरिष्ठ मंत्री नाराज न हों। इसलिए पार्टी सतर्क व सजग है और मुख्यमंत्री फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ मंत्रियों गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, यशोधराराजे सिंधिया एवं विजय शाह आदि से बात की जा रही है। आखिर, इन्हें भी वरिष्ठता के लिहाज से अच्छे विभाग चाहिए। कोशिश है कि सबको भरोसे में लेकर विभाग बांटे जाएं।

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