मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने दिया पद से इस्तीफा, भाजपा सरकार पर लगाया यह आरोप

मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने दिया पद से इस्तीफा, भाजपा सरकार पर लगाया यह आरोप
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मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने इस पद नियुक्त किया था। चूंकि आयोग का अध्यक्ष संवैधानिक होता है, इसलि सरकार बदलने के बाद भी भाजपा उन्हें हटा नहीं सकी थी। श्रीमती ओझा ने आरोप लगाया कि जब से भाजपा की सरकार आई तब से मुझे काम नहीं करने दे रही है। लिहाजा, मुझे मजबूर होकर पद छोड़ना पड़ रहा है। इसके साथ उन्होंने भाजपा सरकार पर और भी कई आरोप लगाए हैं। वे मीडिया से बात कर रही थीं।

भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने इस पद पर नियुक्त किया था। चूंकि आयोग का अध्यक्ष संवैधानिक होता है, इसलिए सरकार बदलने के बाद भी भाजपा उन्हें हटा नहीं सकी थी। श्रीमती ओझा ने आरोप लगाया कि जब से भाजपा की सरकार आई तब से मुझे काम नहीं करने दे रही है। लिहाजा, मुझे मजबूर होकर पद छोड़ना पड़ रहा है। इसके साथ उन्होंने भाजपा सरकार पर और भी कई आरोप लगाए हैं। वे मीडिया से बात कर रही थीं।

महिलाओं को न्याय से वंचित करने की दोषी है भाजपा सरकार

शोभा ओझा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य महिला आयोग कि संवैधानिक रूप से गठित कार्यकारिणी को न्यायालय में उलझा कर, हजारों महिलाओं को न्याय से वंचित करने की जिम्मेदार है प्रदेश की भाजपा सरकार। भाजपा सरकार को यह नागवार गुजरा की मुझे हटाने के उनके निर्णय को कोर्ट ने स्टे कर दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थों की खातिर महिला सुरक्षा की बलि चढ़ाने का पाप पूरी तरह से अस्वीकार्य और अक्षम्य है। ओझा ने कहा कि अधिकार-विहीन कर दिए गए महिला आयोग के अध्यक्ष पद की संवैधानिक बाध्यताओं को त्याग कर, मैं महिला सुरक्षा, न्याय और उनके अधिकारों की लड़ाई अन्य मंचों से लड़ती रहूंगी।

भारी मन से दे रही हूं त्यागपत्र

शोभा ओझा ने कहा कि मैं भारी मन से राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद से अपना त्यागपत्र दे रही हूं, जिससे मैं एक अधिकारविहीन, शक्तिहीन बना दिये गये आयोग के मुखिया के दायित्व की संवैधानिक बाध्यताओं से मुक्त होकर, उन्मुक्त और खुले मन से पीड़ित, शोषित और दमित महिलाओं की व्यथा और वेदना को स्वर देने का अपना अनवरत् संघर्ष अन्य मंचों से जारी रख सकूं।

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