ऐसे शुरू हुई भाजपा में मलैया संबंधी मुश्किलें, उम्मीदवार की घोषणा होते ही बन गई थी स्क्रिप्ट

भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा (MP BJP) ने दमोह (Damoh) विधानसभा सीट पर उपचुनाव (By Election) के लिए राहुल सिंह लोधी (Rahul Singh Lodhi) को प्रत्याशी (Candidate) घोषित किए जाने के बाद पूर्व मंत्री जयंत मलैया (jayant malaiya) के पुत्र सिद्धार्थ मलैया (Siidharth malaiya) की गतिविधियों ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खबर है कि सिद्धार्थ ने दमोह में अपने समर्थकों (Supporters) की बैठक (Meeting) ली है। संभावना जताई जा रही है कि आज जयंत मलैया सिद्धार्थ के चुनाव लड़ने अथवा न लड़ने के संबंध में महत्वपूर्ण ऐलान कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री जयंत मलैया दमोह विधानसभा सीट से सात बार विधायक (MLA) रहे, लेकिन 2018 के चुनाव (Election 2018) में उन्हें राहुल सिंह लोधी ने पटकनी दे दी। राहुल कांग्रेस (Congress) की टिकट पर जीते और फिर बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए। अब वहां उपचुनाव होने वाले हैं और बीजेपी ने राहुल को अपना उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया। इससे जयंत मलैया ही नहीं, उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया के राजनीतिक भविष्य (Political Future) पर भी सवाल खड़े हो गए। चर्चा है कि अपने गृह क्षेत्र में अपना राजनीतिक वजूद (Political existence) बनाए रखने के लिए जयंत अपने बेटे को निर्दलीय (Independent) चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को इसकी भनक मिलते ही दमोह में राजनीतिक गरमाहट बढ़ गई है।
आपको बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) दमोह आए तो उन्होंने उपचुनाव में राहुल सिंह लोधी को बीजेपी का उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसके बाद से क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। चर्चाएं हैं कि अपना गढ़ बचाए रखने के लिए पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया अपने बेटे सिद्धार्थ को चुनावी अखाड़े में तैयारी का मन बना रहे हैं।
गत दिनों सिद्धार्थ मलैया प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी दावेदारी की घोषणा करने वाले थे। सिद्धार्थ की गतिविधियों ने भाजपा को तभी से परेशान करना शुरू कर दिया था, जब सिद्धार्थ की मां शक्तिपुत्र महाराज (ShaktiPutra Maharakj) से मिलने गईं। महाराज का दमोह क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है और मुलाकात की तस्वीरें सामने आते ही पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के कान खड़े हो गए।
इन सभी गतिविधियों की जानकारी मिलते ही सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जयंत मलैया को भोपाल बुलाया भी था। राजधानी में पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मलैया की बातचीत हुई और उन्हें मनाने की कोशिश की गई। हालांकि उस बातचीत के संबंध में मलैया ने कोई सावर्जनिक बयान नहीं दिया था। राहुल सिंह लोधी का ग्रामीण इलाकों (Rural Area) में दबदबा है तो शहरी क्षेत्र (Urban Area) में जयंत मलैया का ज्यादा प्रभाव है। राहुल की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद जिले के मंत्री भी उनकी जीत के लिए जोर आजमाइश करेंगे, लेकिन कांग्रेस उनके ग्रामीण वोट बैंक (Rural Vote Bank) में सेंध लगाने की योजना बना रही है। कुल मिलाकर, मलैया ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा ही दी हैं।
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