SIDHI NEWS; परीक्षा देने गए 50 स्कूली बच्चों के सामूहिक मुंडन से मचा हड़कप, परिजनों ने की कार्रवाई की मांग, जांच शुरू

SIDHI NEWS; परीक्षा देने गए 50 स्कूली बच्चों के सामूहिक मुंडन से मचा हड़कप, परिजनों ने की कार्रवाई की मांग, जांच शुरू
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सीधी ; मध्यप्रदेश के सीधी से एक हैरान करने मामला सामने आय है। जहां त्रैमासिक परीक्षा देने गए बच्चों का स्कूल प्रशासन द्वारा एक साथ मुंडन करा दिया गया। इस खबर के सामने आने के बाद परिजनों ने स्कूलों प्रशासन की मनमानी को लेकर जमकर विरोध किया। इतना ही नहीं जब स्कूल प्रशासन द्वारा इस मामले में जवाब माँगा गया तो उन्होंने बच्चों के हाथ में टीसी थमा दिया। मामले की सूचना मिलने पर शिक्षा विभाग भी हैरान रह गया। अब जिला शिक्षा अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।

हेडमास्टर ने जबरदस्त कटवाए बच्चों के बाल

बता दें कि ये मामला जनपद शिक्षा केंद्र मझौली अंतर्गत संचालित आर्यन मेमोरियल पब्लिक स्कूल मड़वास नदहा का है। जहां आज करीबन 50 बच्चों का जबरदस्ती शिक्षक ने मुंडन करवा दिया। इस मामले की जानकारी देते हुए छात्र अंकुश मिश्रा ने कहा कि स्कूल संचालक ने मुंडन कर दिया। हमने मना किया तो भी सुना नहीं। घर पर आए तो माता-पिता ने स्कूल में फोन लगाया। फोन अटेंड ही नहीं हुआ। हेडमास्टर सोनू सर ने ही कटिंग करने वाले को बुलाया और कई बच्चों का मुंडन करा दिया। जिसके बाद जब परिजन स्कूल पहुंचे और जवाब माँगा तो स्कूल प्रशासन द्वारा छात्रों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट थमा दिया गया है।

जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश

इसके बाद पीड़ित बच्चे के परिजन ने भी तहसीलदार और जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत दी है। प्रदर्शन के दौरान हालात बिगड़ता देख मड़वास चौकी प्रभारी ने समझाइश के लिए पुलिसकर्मियों को भी भेजा। जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल मिश्रा ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और हायर सेकंडरी स्कूल के एक प्राचार्य को इस मामले की जांच सौंपी है। डीईओ का कहना है कि जांच में स्कूल संचालक दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही स्कूल की मान्यता को भी रद्द करने की बात कही जा रही है।

आर्यन मेमोरियल स्कूल के संचालक ने दी मामले में सफाई

तो वही इस बारे में स्कूल द्वारा सफाई पेश करते हुए आर्यन मेमोरियल स्कूल के संचालक राधेराम साहू ने कहा कि मुंडन की बात गलत है। कुछ बच्चों के बाल काटे गए हैं। उन्हें पिछले तीन महीने से बालों को लेकर हिदायत दी जा रही थी। बच्चे अनुशासनहीनता कर रहे थे। उनके माता-पिता की भी नहीं सुनते थे। इसी वजह से माता-पिता की सहमति से ही बाल काटे गए हैं।

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