MBBS IN HINDI ;MP में मेडिकल की पढाई हिंदी में शुरू, मंत्री सारंग ने विद्यार्थियों को मुफ्त में बाटे MBBS की किताबें

भोपाल : मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराई जा रही है। मंत्री विश्वास सारंग के लगातार प्रयास के बाद लाखों छात्र छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करवाई जा रही हैं। इसी कड़ी में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग आज हमीदिया अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम की पुस्तके विद्यार्थियों को वितरित की। साथ ही उनके साथ संवाद भी किया।
748 पुस्तके विद्यार्थियों को मुफ्त में बांटी गई
इस दौरान मंत्री विश्वास सारंग ने कहा की जो काम 75 साल में नहीं हुआ वह हमने 4 महीने में कर दिया। प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेज में फिलहाल 2275 एमबीबीएस की सीटें हैं, आज के कार्यक्रम में करीबन 748 पुस्तके विद्यार्थियों को मुफ्त में बांटी गई है जबकि 650 किताबों की मांग और प्राप्त हुई है। हिंदी भाषा को मिल रही प्राथमिकता को देखते हुए मंत्री सारंग बेहद खुश है।
मप्र के लिए गर्व का विषय
मंत्री सारंग ने कहा कि देश में पहली बार हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करना मध्यप्रदेश के लिये गर्व का विषय है। हमने मुश्किल काम को आसान करके दिखाया है और हम हिंदी में MBBS की पढ़ाई करने वाले देश के पहले राज्य बन गए हैं। हम आउट ऑफ बॉक्स काम करेंगे, तभी लोग हमें पहचान पाएंगे। पहले चरण में हिंदी में पढ़ाई करने वाले छात्रों को दो महीने हिंदी और दो महीने अंग्रेजी में शिक्षा दी जाएगी।
शासकीय कॉलेजों में निःशुल्क वितरण होगी किताबें
बता दें कि फिलहाल MBBS के प्रथाम वर्ष के छात्रों को किताबें वितरित की गई हैं। मंत्री ने दावा किया कि सितंबर तक MBBS के दूसरे वर्ष की पुस्तक भी हिंदी में तैयार हो जाएगी। इसके बाद तीसरे और चौथे वर्ष की हिंदी किताबें तैयार होंगी। कार्यक्रम में वर्चुअली 12 मेडिकल कॉलेज भी जुड़े। प्रथम वर्ष की किताबों का प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में निःशुल्क वितरण किया गया।
जानें क्या हैं हिंदी में MBBS की कहानी
मेडिकल की पढ़ाई करने वाले कई छात्र हिंदी मीडियम स्कूलों से आते हैं। बारहवीं कक्षा के आधार और कोचिंग में मेहनत के बाद वह नीट की ऑल इंडिया परीक्षा तो पास कर लेते हैं, लेकिन एमबीबीएस की पढ़ाई में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।एमबीबीएस का पूरा कोर्स अंग्रेजी में होने के कारण वह मेडिकल की बारिकियों को स्पष्ठ रूप से नहीं समझ पाते थे। अब हिंदी में कोर्स संचालित होने के बाद छात्रों की यह समस्या दूर हो जाएगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग की इस पहले से विद्यार्थियों में खुशी की लहर हैं।
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