Metro News : इंदौर के इतिहास में मेट्रो शुरू कर लिखा नया स्वर्णिम अध्याय, अब भोपाल की तैयारी

Metro News : इंदौर के इतिहास में मेट्रो शुरू कर लिखा नया स्वर्णिम अध्याय, अब भोपाल की तैयारी
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मध्यप्रदेश के लोक परिवहन सेवा के इतिहास में इंदौर से एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है।

भोपाल। मध्यप्रदेश के लोक परिवहन सेवा के इतिहास में इंदौर से एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में प्रदेश की पहली मेट्रो ट्रेन ट्रायल ट्रेन का शनिवार को फ्लैग ऑफ किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन कर किया गया। मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह ने मेट्रो ट्रेन का मॉडल भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। अब तीन अक्टूबर को भोपाल में मेट्रो के ट्रायल रन कस उद्घाटन किया जाएगा।

प्रतिबंध को हटाने की कार्रवाई की जाएगी

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इंदौर से पीथमपुर और उज्जैन तक मेट्रो ट्रेन चलेगी। संकल्प है कि 2028 के सिंहस्थ में श्रद्धालु और आम नागरिक इंदौर से मेट्रो में बैठकर महाकाल बाबा के दर्शन करने जाएंगे। इंदौर और आसपास का क्षेत्र मेट्रोपोलिटन अथाॅरिटी बनेगा। गांधीनगर में रजिस्ट्री पर लगे प्रतिबंध को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

मेट्रो की टीम ने युद्ध स्तर पर कार्य किया: सीएम

मुख्यमंत्री ने मेट्रो के एमडी मनीष सिंह और उनकी पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मेट्रो की टीम ने युद्ध स्तर पर कार्य करके बहुत ही कम समय में मेट्रो का शुभारंभ किया है। मेट्रो में साफ और स्वच्छ वातावरण में यात्रा कर सकेंगे।

और बहुत ही कम समय में गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि मेट्रो ट्रेन का अधिक से अधिक लोग उपयोग करें। कार्यक्रम के प्रारंभ में सांसद श्री लालवानी ने स्वागत भाषण दिया।

इतिहास बनता देख अभिभूत हुए नागरिक

इंदौर में लिखे गए इस इतिहास के साक्षी बनने के लिए समाज के हर वर्ग के लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में अपार उत्साह और उमंग का वातावरण था। मुख्यमंत्री चौहान ने मेट्रो ट्रायल रन का फ्लैग ऑफ करने के बाद मेट्रो में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ यात्रा भी की।इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावटए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुरए सांसद श्री शंकर लालवानीए महापौर पुष्यमित्र भार्गवए विधायक मालिनी गौड़ए महेन्द्र हार्डियाए पूर्व विधायक मनोज पटेल गौरव रणदीवे सहित अन्य जनप्रतिनिधिगणए संभागायुक्त श्री मालसिंहए कलेक्टर डॉण् इलैयाराजा टी सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे। शिक्षाए उद्योगए सामाजिकए धार्मिकए व्यापारिक तथा अन्य संगठनए संस्थाओं और एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद थे।

7 लाख यात्री प्रतिदिन यात्रा कर सकेंगे

इंदौर में 7500 करोड़ रुपए की लागत से विश्व स्तरीय इंदौर मेट्रो ट्रेन परियोजना का निर्माण पूर्ण होने से नागरिकों को तेजए सुरक्षित, आधुनिक और आरामदेह सफर की सुविधा उपलब्ध होगी। इस सेवा से 7 लाख यात्री प्रतिदिन यात्रा कर सकेंगे। हर मेट्रो ट्रेन में तीन कोच होंगे। इंदौर में कुल 25 मेट्रो ट्रेन संचालित की जाएगी। इन मेट्रो ट्रेनों की रफ्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रहेगी।

रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ इंदौर मेट्रो निर्माण

46.3 किमी लंबे मेट्रो वायडक्ट का निर्माण मात्र 484 दिनों पूरा किया गयाए जिसमें 2 मानसून सीजन भी शामिल हैं। पटरी बिछाने का काम 4 माह में पूरा हुआ।

43 ट्रैक टर्नआउट्स का निर्माण मात्र 27 दिनों में पूरा हुआ है, जो देश में एक रिकॉर्ड है।

48 दिनों में ट्रैक के 3 टर्नआउट्स का विद्युतीकरण किया गया। डिजाइन के बाद केवल 5 महीनों में मेट्रो रेल कोच का निर्माण पूरा। मात्र 45 दिनों में ट्रैक्शन थर्ड रेल प्रणाली का सम्पूर्ण कार्य पूर्ण किया गया। 23 दिनों में 4 एस्केलेटर लगाए गए।

इंदौर मेट्रो परियोजना के विषय में येलो रिंग लाइन से जुड़ेंगे ण् गाँधी नगरए भंवर सला चौराहाए विजय नगर चौराहाए खजराना चौराहाए बंगाली चौराहाए रेलवे स्टेशनए राजवाड़ाए बड़ा गणपतिए एअरपोर्ट और गाँधी नगर। पहले चरण में गांधी नगर से सुपर कॉरिडोरण् 3 स्टेशनों के बीच 6ण्3 किमी लंबे रूट पर ट्रेनों का परीक्षण परिचालन प्रारंभ हो रहा है। जून 2024 से इंदौर और भोपाल वासियों को इन दो ट्रैक पर मिलने लगेगी मेट्रो सुविधा। दिसंबर 2026 तक दोनों शहरों की मेट्रो परियोजनाओं का सम्पूर्ण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।

मेट्रो होगी सुखद सवारी

इंदौर में तीन कोच की 25 ट्रेन तथा भोपाल में भी तीन कोच की 27 ट्रेन चलाई जाएगी। एक कोच में लगभग 300 यात्रियों के लिए बैठने व खड़े होने का स्थान होगा। एक ट्रेन में एक बार में लगभग 900 यात्री आवागमन कर सकेंगे। दो ट्रेन के बीच का अंतराल 5 मिनट का होगा लेकिन अधिक भीड़ वाली अवधि के दौरान इससे दो मिनट तक घटाया जा सकेगा। मेट्रो रेल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। ट्रेन के सभी डिब्बे वातानुकूलित होंगे। यात्रियों की सूचना के लिए सार्वजनिक संबोधन प्रणाली तथा दृश्यात्मक संकेत होंगे जिससे यात्री सही गंतव्य पर उतर सकें। ट्रेन का संचालन विश्व स्तर की उच्चतम सिम्नलिंग प्रणाली से होगा जिससे सुरक्षा एवं समय की पाबंदी सुनिश्चित होगी।

बिना ड्राइवर की ट्रेन भी चलाई जा सकेगी

इस सिगनलिंग म्नलिंग प्रणाली से भविष्य में बिना ड्राइवर की ट्रेन भी चलाई जा सकेगी। थर्ड रेल प्रणाली से बिजली के तारों के जाल से शहर को मुक्ति। सभी ट्रेंन मे उर्जा बचाने के लिये रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्ट्म लगाया गया है जिससे ट्रेन्स में ब्रेकिंग के दौरान बिजली पैदा होगी।

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