मंत्री ऊषा ठाकुर की नसीहत: संस्कारों की कट्टरता सीखना है तो मुसलमानों को अपना आदर्श बना लो, और क्याा बोलीं मंत्री

मंत्री ऊषा ठाकुर की नसीहत: संस्कारों की कट्टरता सीखना है तो मुसलमानों को अपना आदर्श बना लो, और क्याा बोलीं मंत्री
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मध्यप्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने संभवत: पहली बार मुसलमानों से कुछ सीखने की नसीहत हिंदुओं को दी है। उन्होंने कहा है कि संस्कारों की कट्टरता अगर सीखना है तो मुसलमानों को अपना आदर्श बना डालिए। वे बिना बुलाए दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हैं लेकिन हिंदू मंदिर तो बनाएंगे लेकिन आरती में भी शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि इस रवैए को बदलना होगा।

भोपाल। मध्यप्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने संभवत: पहली बार मुसलमानों से कुछ सीखने की नसीहत हिंदुओं को दी है। उन्होंने कहा है कि संस्कारों की कट्टरता अगर सीखना है तो मुसलमानों को अपना आदर्श बना डालिए। वे बिना बुलाए दिन में पांच बार नमाज पढ़ने पहुंच जा ते हैं लेकिन हिंदू मंदिर तो बनाएंगे लेकिन आरती में भी शामिल नहीं होंगे। चौराहों, चौपालों में बैठकर गप्प मारते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस रवैए को बदलना होगा।

मां-बहनों की जिम्मेदारी ज्यादा

ऊषा ठाकुर ने कहा कि बच्चों को धार्मिक संस्कार दृढ़ता से, कट्टरता से देना यह माता-बहनों की जिम्मेदारी है। मंत्री मंगलवार को खंडवा जिले के दौरे पर थी। रात 10 बजे वह खंडवा विधानसभा के गांव रोहिणी में गो-पूजन कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने कहा- मुसलमानों को पांच बार नमाज पढ़ने के लिए न कोई बुलाता और न निमंत्रण देता, फिर भी जो समय तय है, मुसलमान टोपी रख लेंगे। चाहे अधिकारी, व्यापारी क्यूं न हो, दुनिया के सारे काम छोड़कर नमाज में शामिल हो जाएंगे।

कम से कम परिवार का एक सदस्य तो जाए

मंत्री ने कहा कि हर हिंदू परिवार का कम से कम एक सदस्य तो मंदिर जाए। भगवान को भोग अर्पित करें और आरती में शामिल हो। उन्होंने कहा कि मैंने इसकी शुरुआत इंदौर में अपने मोहल्ले से की। 62 लोगों की सूची बनाई, महीने में एक बार-एक परिवार की बारी आती है। घर में जो भी बनता है, रोटी-चटनी का भोग मंदिर में जाकर भगवान को लगाते हैं।

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