चुनावी साल में मंत्रियों को मिलेंगे अपने जिलों के प्रभार, भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में हुए ये भी निर्णय

भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में तय किया गया कि चुनावी साल में सरकार और संगठन की जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा भागेदारी हो, इसके लिए ज्यादा से ज्यादा दौरे किए जाए। बैठक में तय किया गया कि प्रभारी मंत्रियों को भी अपनी विधानसभा सीटों पर ज्यादा फोकस रखना होगा, इसके लिए उन्हें गृह जिलों का प्रभार दिया जाएगा। बैठक में प्राधिकरण और शेष बचे निगम-मंडलों की नियुक्तियां जल्द करने पर सहमति बनी है।
लोगों के बीच पैठ बनाने पर मंथन
मुख्यमंत्री निवास में तकरीबन साढ़े चार घंटे चली प्रदेश कोरग्रुप की बैठक में चुनावी साल में किस तरह से जनता के बीच अपनी पैठ को और मजबूत किया जाए,इसको लेकर मंथन किया गया। बैठक में प्रभारी मंत्रियों द्वारा अपने प्रभार वाले जिलों में ज्यादा फोकस नहीं कर पाने का मामला उठा,तो मंत्रियों की समस्याओं को भी रखा गया।कोरग्रुप के सदस्यों ने प्रस्ताव रखा कि अब प्रभारी मंत्रियों को उनके गृह जिलों का प्रभार दिया जाए,इसके लिए जिन मंत्रियों के पास दो -दो जिलों के प्रभार है,उन्हें दूसरे जिले के रुप में सीमावर्ती जिलों का प्रभार सौपा जाए। जिन जिलों से एक से ज्यादा मंत्री है,उन्हें भी इस तरह के जिले प्रभार के रुप में दिए जाए,जिससे उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े।बैठक में प्राधिकरण और शेष रह गए निगम मंडलों की नियुक्तियों का भी मामला लाया गया। सदस्यों ने इन पदों पर ऐसे कार्यकर्ता को नियुक्त करने की बात कही,जो पार्टी के कमर्ठ और पुराने कार्यकर्ता है,जिन्होंने निष्पक्ष रुप से पार्टी की सेवा की और उनका क्षेत्र में जनाधार भी है। इसके अलावा लाडली बहना योजना और बूथ विस्तारक अभियान पर मंथन किया गया।
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