नकली रेमडेसिविर मामले में मोखा का बेटा भी गिरफ्तार, पुलिस को बहुत दिनों से थी तलाश

जबलपुर। नकली रेमडेसिविर मामले में एसआईटी को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसआईटी ने मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह मोखा के बेटे हरकरण सिंह मोखा गिरफ्तार को गिरफ्तार कर लिया है। उसे कोर्ट के बाहर ही एसआईटी ने दबोच लिया। हरकरण सिंह से जहां मोखा के मोबाइल की जानकारी मिलेगी। वहीं उसके द्वारा दोस्त से लिए गए दस्तावेज के बारे में जानकारी मिलेगी। उधर, केंद्रीय जेल में बंद चल रहे सरबजीत की कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी है। अब एसआईटी उसे भी रिमांड पर लेने की तैयारी में जुटी है। पुलिस कई दिन से इसकी तलाश कर रही थी। इस पर पुलिस ने 5000 रूपये का इनाम भी रखा था।
एसआईटी ने इसके वाहन को लेकर जिले भर में नाकाबंदी कर दी थी। दोपहर पौने चार बजे के लगभग दूसरे कार में सवार होकर हरकरण कोर्ट गेट के पास उतरा। वहां से उसने कोर्ट तक पहुंचने के लिए दौड़ लगा दी। एसआईटी में शामिल क्राइम ब्रांच की टीम पहले से कोर्ट परिसर में पहुंच चुकी थी। उसने हरकरण को दबोच लिया।
बता दें कि नकली रमेडेसिविर मामले में सिटी हॉस्पिटल के मालिक सरबजीत सिंह मोखा, उसकी पत्नी, अस्पताल की मैनेजर सोनिया खत्री, कर्मचारी देवेश चौरसिया जैसों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में पुलिस व एसआईटी को सरबजीत के बेटे हरकरण सिंह मोखा की तलाश थी। वह घटना के बाद से ही लगातार लापता रहा।
सोमवार हरकरण को पुलिस ने उसे दौड़ा कर पकड़ लिया। माना जा रहा है कि अब हरकरण को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है। कारण नकली रेमडेसिविर मामले में अब तक हरकरण ही पुलिस की पकड़ से दूर रहा। ऐसे में पुलिस व एसआईटी दोनो को इससे कुछ बड़े सुराग हाथ लगने की उम्मीद है।
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