चयनित शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, नियुक्ति की मांग लेकर किया आंदोलन

राजगढ़। मध्यप्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग में 30,594 पदों के लिए उच्च श्रेणी शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा वर्ष 2018 में हुई थी। जिसका परिणाम अगस्त 2019 में घोषित किया गया व अंतरिम चयन सूची जारी की गई थी। मार्च 2020 में चयनित अभ्यर्थियों से दस्तावेज भी अपलोड करवा लिए गए, केवल स्कूल आवंटन करके नियुक्ति देना शेष रह गया था। लेकिन विभाग ने कोविड-19 एवं लोक परिवहन की बात कहकर चयन प्रक्रिया रोक दी जबकि इसी अवधि में प्रदेश में भारी उठा पटक के साथ नई सरकार का गठन हुआ।
नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदेश के 30594 अभ्यर्थी प्रदेश के मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को कई बार ज्ञापन देकर अपनी गुहार लगा चुके हैं लेकिन सरकार लगातार असंवेदनशीलता दिखाते हुए इन नियुक्तियों पर कुछ भी स्पष्ट तरीके से बोलने को तैयार नहीं है जबकि प्रदेश के हर सरकारी स्कूल में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की भारी कमी है।
ज्ञात हो कि ये शिक्षक भर्ती परीक्षा प्रदेश में 2011 के बाद 2018 में आयोजित की गई थी, जिसे भी सरकार 2 साल होने के बाद भी आज तक अंजाम तक पहुचाने में विफल रही है। इसी बीच जिले के खिलचीपुर, राजगढ़ व ब्यावरा विधायकों द्वारा भी उनसे मिलने पर आगामी विधानसभा सत्र में नियुक्ति को लेकर तारांकित प्रश्न उठाने का आश्वासन दिया गया है।
इसीलिए सरकार के रुख से परेशान होकर चयनित शिक्षकों द्वारा आज प्रदेश स्तरीय एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज़िलाधीश महोदय को एवं आयुक्त लोक शिक्षण के नाम जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन प्रदान किया। धरना प्रदर्शन में जिले भर के 100 से अधिक चयनित अभ्यर्थियों की प्रभावी उपस्थिति रही साथ ही चयनित शिक्षक संघ ने प्रशाशन को इस बात से भी अवगत कराया कि शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं करने की सूरत में अगले चरण में प्रदेश की राजधानी में उग्र आंदोलन किया जाएगा।
चयनित शिक्षक संघ की प्रमुख मांगे है :-
- रोकी गई दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया पूर्ण कर नियुक्ति दी जाए
- हमारी ज्वाइनिंग की दिनांक घोषित करते हुए पोर्टल अपडेट किया जाए।
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