एमपी में जेलों में कैदियों की 64 फीसदी भीड़

भोपाल - मध्यप्रदेश के जिलों में कैदियों के रहने की व्यवस्था गाय और भैंसों के तबेले की तरह है। प्रदेश के 131 जेलों में 64 फीसदी से अधिक सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदी है। ऐसे में सवाल है कि भला कैसे कैदी सजा काट रहे होंगे। क्योंकि सेंट्रल जेलों में 73 फीसदी से अधिक ओवरक्राउडिंग की रिपोर्ट खुद जेल विभाग ने जारी की है। जिसमें खुलासा हुआ है कि 19 हजार से अधिक अतिरिक्त कैदी जेलों में है।
जेल मुख्यालय की रिपोर्ट की मानें तो ना सिर्फ केंद्रीय जेल बल्कि जिला और सब जिलों में भी यही स्थिति बनी हुई है। अपराधियों की लगातार संख्या हर साल बढ़ रही है लेकिन कैदियों को सजा काटने के लिए जगह भी कम पड़ रही है। ऐसे में राज्य सरकार को नई जेलों को बनाने की व्यवस्था भी करनी चाहिए। मेमो आॅफ जेल पॉपुलेशन के जरिए गृह विभाग को जानकारी भेजी गई है। जिसमें बताया कि 41.77 प्रतिशत सजायाफ्ता कैदी क्षमता के अधिक है। इसके ज्यादा 57.89 प्रतिशत विचाराधीन कैदियों की संख्या है। पुरूषों के मुताबिक महिलाओं की सिर्फ तीन प्रतिशत संख्या ज्यादा है, जबकि पुरुषों की 96.11 फीसदी अतिरिक्त है। हालांकि सभी जेलों की अपेक्षा खुली जेलों की कैदियों की संख्या कम है। प्रदेश में 6 खुली जेलों में 94 पुरुषों को रखने की क्षमता लेकिन सिर्फ 70 कैदियों को ही रखा गया है।
मानवाधिकार आयोग जता चुका है चिंता
- प्रदेश में बढ़ते अपराधियों की संख्या को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी चिंता जताई थी। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि जेलों में कैदियों को रखने की व्यवस्था बेहतर नहीं है, यदि किसी बैरक में एक कैदी है, तो वहां पर चार कैदी को रखा जाता है। ऐसे में बीमारियां फैलने का भी खतरा होता है।
क्षमता कम और खर्च ज्यादा
- जेलों में कैदियों की अधिक संख्या को लेकर जानकारों का कहना है कि इससे खर्च भी ज्यादा होता है। शासन की ओर से जेल के कैदियों की क्षमता के आधार पर बजट दिया जाता है लेकिन कैदी बढ़ जाने से उनके के लिए अतिरिक्त राशि स्वीकृत हैं। वहीं लंबे समय से भी 30 से 40 फीसदी कैदी विचारधीन होते हैं। ऐसे में विचाराधीन कैदियों के लिए अलग से व्यवस्था बनाई जा सकती है।
फैक्ट्स
जेलों में ओवरक्राउडिंग की रिपोर्ट
जेल संख्या क्षमता कैदी अतिरिक्त प्रतिशत
सेंट्रल जेल 11 14564 25272 10708 73.52
जिला जेल 41 9672 15429 5757 59.2
सब जेल 73 5301 7944 2643 49.86
कुल 131 29631 48715 19084
वर्जन
- इंदौर, भिंड और छिंदवाड़ा में जेलों का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा तीन अन्य जेलों के निर्माण का डीपीआर तैयार किया गया है। जेलों में सुधार के लिए कैदियों के रहने की व्यवस्था पर मुख्यालय काम कर रहा है। - अरविंद कुमार, डीजी (जेल) भोपाल
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