MP : सेल्समेन के बाद अब शिक्षक अभ्यर्थी भी आक्रोशित, जॉइनिंग के लिए शुरू किया आंदोलन

MP : सेल्समेन के बाद अब शिक्षक अभ्यर्थी भी आक्रोशित, जॉइनिंग के लिए शुरू किया आंदोलन
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मध्यप्रदेश सरकार स्कूलों में शिक्षकों की कमी से जूझ तो रही है, लेकिन आधी हो चुकी भर्ती प्रक्रिया को पूरी भी नहीं कर रही है। ऐसे में चयनित हो चुके अभ्यर्थी परेशान हैं। केवल शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी ही नहीं, बल्कि यहां जूनियर सेल्समेन पदों के चयनित अभ्यर्थी भी अपनी जॉइनिंग की बाट जोह रहे हैं। तमाम पत्र, ज्ञापन और अनुरोध के बाद हलाकान हो चुके मध्यप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा के अभ्यर्थियों ने तो अब आंदोलन भी शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में उनके धरने पर बैठने की जानकारी मिल रही है। पढ़िए पूरी खबर-

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी स्कूल (Government School) लंबे समय से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। इसी को देखते हुए करीब 8 सालों बाद 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 (MP Teacher Eligibility Test 2018) का आयोजन किया था, इसके बाद कांग्रेस की सरकार (Congress Government) आ गई और उन्होंने सितंबर 2019 में रिजल्ट घोषित कर दिया। इसके तहत प्रदेश में करीब 40 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने 20500 ही पद स्वीकृत किए थे।

इसको लेकर 1 जनवरी 2020 से स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की, जिसमें उच्च माध्यमिक शिक्षक के 15 हजार और माध्यमिक के 5670 पदों पर भर्ती होना थी, इसके लिए 1जुलाई 2020 से प्रावधिक चयन सूची एवं प्रतीक्षा सूची के अभ्यार्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी शुरु हुआ जो 3 जुलाई 2020 तक जारी था, लेकिन कोरोना के चलते शासन ने इसे रोक दिया जो अबतक शुरु नही हो पाई है, और पीईबी ने अब नई भर्तियां निकाल दी है, जिसके चलते शिक्षकों में आक्रोश पनप रहा है और उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज मंगलवार को प्रदेश के सभी शिक्षक अपनी मांगों को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र पर बैठ गए है।

आपको बता दें कि बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) ने शिवराज सरकार (MP Government) पर शिक्षक भर्ती (Shikshak Bharti 2020) रोकने का आरोप लगाया था और भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू कराने की मांग करते हुए सीएम शिवराजसिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को एक पत्र भी लिखा था। इस पत्र में कमलनाथ ने लिखा था कि इन पदों पर भर्ती प्रक्रियाएं कांग्रेस सरकार ने पूरी कर ली थीं, सिर्फ अंतिम चरण की दस्तावेज सत्यापन कार्य बचा था। जो कि भाजपा सरकार आने के बाद से रुकी हुई है। इसके बाद कोरोना और लॉकडाउन (Lockdown) के चलते इस प्रक्रिया को रोक दिया गया था। लेकिन अब अनलॉक (Unlock) हुए काफी समय बीत चुका है। इसलिए अब दोबारा प्रक्रिया को शुरू किया जाना चाहिए, क्योंकि इसे चयनित अभ्यर्थियों को परेशानी हो रही है और शिक्षा व्यवस्था पर भी गलत असर पड़ रहा है।

खास बात ये है कि बीते दिनों स्कूल शिक्षा विभाग के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की बैठक हुई थी, जिसमें स्कूलों को मार्च तक बंद रखने और 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षा न कराने को लेकर तो फैसला हुआ लेकिन नियुक्ति को लेकर कोई चर्चा नही हुई। इसके बाद सोमवार को भी स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (School Education Minister Inder Singh Parmar) ने विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और 10वीं और 12वीं की 18 दिसंबर से नियमित कक्षाएं खोलने को लेकर फैसला लिया, लेकिन शिक्षक भर्ती को लेकर कोई सहमति नही बनी, जिसके चलते अभ्यर्थियों में आक्रोश पनपने लगा है। अधिकारियों का कहना है कि अभी कोई विभाग से आदेश नही मिले है, ऐसे में माना जा रहा है कि मप्र के स्कूलों को इस शैक्षणिक सत्र में भी नियमित शिक्षक नहीं मिल पाएंगे और शिक्षक बनने का सपना देख रहे अभ्यर्थियों को कुछ समय और इंतजार करना पड़ेगा। नीचे एक नजर में देखिए कब क्या हुआ-

  • 10 सितंबर 2018 को विज्ञापन जारी हुआ
  • 1 से 11 फरवरी तक चली उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा
  • 16 फरवरी से 10 मार्च तक माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा
  • 28 अगस्त को उच्च माध्यमिक शिक्षक रिजल्ट आया
  • 26 अक्टूबर को माध्यमिक शिक्षक का रिजल्ट आया
  • 1 जुलाई से उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए सत्यापन प्रक्रिया शुरू हुई।
  • 4 जुलाई को लोक शिक्षक संचालनालय ने परिवहन की समस्या बताकर इस प्रक्रिया को तीन दिन बाद ही रोक दिया गया, जो अब तक रुकी हुई है।

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