mp assembly election 2023 : पिछले चुनाव में अलग ट्रेंड दिखा,MP में कम वोटिंग से किसे फायदा ?

@निशांत कुमार की रिपोर्ट...
भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल हैं तो ऐसे में यहां पिछली बार सबसे कम वोटिंग वाली सीटों को कैसे भूल सकते हैं। खास बात ये भी है कि कम वोटिंग से बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही फायदा हुआ था
एकतरफा साबित हुआ
साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान MP में सबसे कम मतदान ग्वालियर-चंबल के जिलों में हुआ…विंध्य के जिलों में भी मतदान प्रतिशत प्रदेश के औसत से काफी कम रह, लेकिन कम मतदान का असर इन दोनों क्षेत्रों में दोनों पार्टियों के लिए एकतरफा साबित हुआ। कांग्रेस ने ग्वालियर चंबल की 34 में से 26 सीटें, जबकि भाजपा ने विंध्य की 30 में से 24 सीटें जीत ली…
मतदान कम रहने के क्या कारण हैं…
वैसे इन सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग विशेष रणनीति पर काम कर रहा है। MP के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन के मुताबिक 95 सीटों के 28 हजार मतदान केंद्र चिह्नित किए गए हैं। पता लगाया जा रहा है कि यहां मतदान कम रहने के क्या कारण हैं…
प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटिंग
2018 में प्रदेश में सबसे ज्यादा 89.13% वोटिंग रतलाम की सैलाना सीट पर हुई थी। पिछली बार 75 सीटें ऐसी थी, जहां मतदान 80% से अधिक था। जबकि 55 सीटें ऐसी थी, जहां 75 से 80% के बीच मतदान हुआ था।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS