MP : पाबंदियों पर पंच चलाकर मात देने वाली बॉक्सर शाहीन को अब ट्रेनिंग का अभाव

अलीराजपुर। अक्सर देश में मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को मिलने वाले अधिकारों को लेकर बहस छिड़ी रहती है। ऐसे में जोबट की शाहीन एक उदाहरण के तौर पर सामने आ रही है, जिसने अपनी मेहनत, लगन और जुनून के दम पर न केवल अपनी पहचान बनाई बल्कि उन लोगों को करारा जवाब दिया है जिन्होंने बेटियों को बेटों से कम आंका है।
जोबट शहर में रहने वाली मुस्लिम समुदाय की होनहार लड़की शाहीन मकरानी ने एक सपना देखा और किसी की परवाह किये बिना उसे पूरा करने के लिए जी जान से जुट गई और एक बॉक्सर खिलाड़ी बन गई।
शाहीन ने कुछ साल पहले एक लड़के को बॉक्सिंग करते हुए देखा, जिसका चेन्नई के लिए सिलेक्शन हुआ था। उसे देखकर बॉक्सर बनने का सपना सँजो लिया और अपने परिवार को बिना बताए बॉक्सर बनने का सफर शुरू कर दिया। जब परिवार वालों को पता चला तो परिवार वालों ने उसे मना किया और इधर समाज में भी बातें होने लगी। इन बातों को अनसुना कर शाहीन अपने सपने को पूरा करने में जुट गई शाहीन की मेहनत और लगन को देख परिवार ने भी साथ दिया।
शाहीन मकरानी को पहले उनके कोच महेश भामदरे ने ट्रेनिंग दी। वह एक के बाद एक पायदान चढ़ती गई। उसने हर चैंपियनशिप में भाग लिया और अपने हुनर से लोगों को जवाब दिया। डिस्ट्रिक्ट से लेकर स्टेट लेवल तक पहुंच गई। लेकिन इसी बीच उनके कोच महेश भामदरे का ट्रांसफर दूसरी जगह हो गया, जिसके बाद से शाहीन की ट्रेनिंग बंद हो गई है।
कोच महेश भामदरे कहते हैं कि शाहीन को सरकार की ओर से मदद मिल जाये तो इस प्रतिभावान खिलाड़ी को देश का नाम रोशन करने में मदद मिल सकती है।
शाहीन के पिता पेशे से एक ड्रायवर हैं। शाहीन की चार बहनें और एक भाई हैं। एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाली शाहीन का जोश और जज्बा देख परिवार और नगर भी उस पर गर्व कर रहा है। उसके पिता ने बताया कि पहले तो उनको शाहीन का बॉक्सिंग करना पसंद नहीं आया, लेकिन जब शाहीन के ट्रेनर महेश भामदरे ने समझाया तो पूरे परिवार ने उसका साथ दिया।
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