मध्यप्रदेश के सीएम नशे के खिलाफ सख्त, बंद होंगे हुक्का लाउंज

मध्यप्रदेश के सीएम नशे के खिलाफ सख्त, बंद होंगे हुक्का लाउंज
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मप्र कैबिनेट ने हुक्का लाउंज पर प्रतिबंध लगाने के विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। इस संशोधन विधेयक को अब राष्ट्रपति के पास पेश किया जाएगा।

भोपाल। मप्र कैबिनेट ने हुक्का लाउंज पर प्रतिबंध लगाने के विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। इस संशोधन विधेयक को अब राष्ट्रपति के पास पेश किया जाएगा। राष्ट्रपति की अनुमति के बाद इसे विधानसभा में पारित कराकर नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के साथ ही हुक्का लाउंज पर प्रतिबंध की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कैबिनेट में कुल 10 से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई।

बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद इसका मसौदा बनाया जा रहा था। इसमें महाराष्ट्र व कई अन्य राज्यों में हुक्का लाउंज पर लगे प्रतिबंध का अध्ययन करने के बाद मप्र के लिए भी मसौदा तैयार हुआ है। इसके तहत मप्र राज्य में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 का राज्य संशोधन विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया तथा विधानसभा में पुन: स्थापित करने से पूर्व माननीय राष्ट्रपति महोदया की पूर्व मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित करने की अनुमति प्रदान की गई।

नवाचार नीति तैयार करने की आवश्यकता महसूस की गई-

विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार से संबंधित संबंधित प्रथम नीति का अनुमोदन प्रदान किया गया। नई प्रौद्योगिकी और तकनीकी का उपयोग जीवन से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र में हो रहा है। ऐसी अनेक नई प्रौद्योगिकी उपलब्ध है, जिनका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों यथा भू-प्रबंधन, कृषि, उद्योग, उर्जा, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, खनिज, हितग्राहीमूलक योजनाओं, अधोसंरचना, इत्यादि में किया जाकर सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। इस नीति के प्रमुख उद्देश्यों में मध्य प्रदेश को देश में शीर्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार गंतव्य के रूप में स्थान दिलाना है।

मोहसा-बावई में औद्योगिक विकास के लिए भूमि आवंटित की गई-

कैबिनेट ने औद्योगिक क्षेत्र मोहासा बाबई की भूमि विभिन्न उद्योगों के आवंटन के संदर्भ में निर्णय लिया गया। औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई में प्रतिबद्ध निवेशकों को इकाई स्थापना के लिए विशिष्ट लोकेशन में औद्योगिक भूमि उपलब्धता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत मप्र राज्य औदयोगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2014 के अंतर्गत भू-आवंटन की ऑनलाईन पद्धति को शिथिल करते हुए, भूखण्डों का आवंटन ऑफलाईन पद्धति से किये जाने का अनुमोदन किया गया है। भोपाल, मंडीदीप एवं बुदनी में बड़ी टेक्सटाइल एवं गारमेंट इकाइयों की स्थापना होने से मोहासा-बावई औद्योगिक क्षेत्र में टेक्सटाइल कंपनियों जैसे-बेस्ट कार्पोरेशन,इंडोरामा,महिमा फाइबर्स,वर्धमान आदिकी ओर से भूमि की मांग की जा रही हैं।

रीवा में विमानतल के लिए भूमि आवंटन-

रीवा हवाई पट्टी को विमानतल के रूप में विकसित करने के लिए वर्तमान में उपलब्ध 64 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन को आवंटित की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त आवश्यक 99.615 हेक्टेयर भूमि को राज्य शासन की ओर से अर्जित कर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को दिए जाने का अनुमोदन किया गया। हवाई अड्डे हके लिए समस्त अधोसंरचना भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से विकसित की जाएगी, जिसके लिए कार्ययोजना तैयार की जाकर निर्माण एजेंसी का चयन कर लिया गया है। रीवा हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप में विकसित होने के उपरांत एटीआर जैसे बोइंग विमान की लैण्डिंग हो सकेगी, जिससे रीवा क्षेत्र का आर्थिक एवं पर्यटन आदि को बढ़ावा मिलेगा, इससे आम जनता को सीधे लाभ पहुंचेगा।

निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पारित-

मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) द्वितीय संशोधन विधेयक, 2022 का कैबिनेट ने अनुमोदन किया। स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय, भोपाल, अभ्युदय विश्वविद्यालय, खरगोन एवं अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल विश्वविद्यालयों की स्थापना विधेयक के माध्यम से किए जाने के संबंध में प्रस्तुत द्वितीय संशोधन विधेयक, 2022 को कैबिनेट की ओर से अनुमोदित किया गया।

मप्र भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 में संशोधन-

मप्र भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 को लागू हुए, अधिक समय व्यतीत हो गया है। इन वर्षों में वैश्विक परिदृश्य में हुए परिवर्तनों एवं नवीन चुनौतियां भारत सरकार की ओर से सामान्य वित्तीय नियमावली 2017 में सामग्री उपार्जन के संबंध में जारी नियमों को संशोधित किया गया है. सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 की धारा 11 में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के विकास एवं उन्हें सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से वस्तुओं, सेवाओं के उपार्जन में वरीयता संबंधी प्रावधान, वैश्विक एवं स्थानीय आर्थिक परिदृश्य में स्टार्टअप्स का प्रादुर्भाव एवं महत्ता के आधार पर प्रचलित नियमों में संशोधन, विलोपन एवं नवीन प्रावधानों को समाहित करने की आवश्यकता के दृष्टिगत राज्य शासन की ओर से भण्डार कय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) जारी करने का निर्णय लिया गया।

भ्रष्टाचार आदि अनियमिततओं की दोषी फर्मो को ब्लैक लिस्ट-

टेण्डर की शर्तो के विपरीत कार्य होने, सुरक्षात्मक उपाय किए जाना आवश्यक होने, भ्रष्टाचार आदि अनियमिततओं की दोषी फर्मो को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। प्रदेश के ऐसे एमएमएमई स्टार्ट अप जिनकी उत्पादन क्षमता इन उत्पादों के लिए शासन की मांग से दोगुना है, उन्हें शत-प्रतिशत क्रय हेतु आरक्षित किया जा सकेगा। मध्यप्रदेश माध्यम,पर्यटन विकास निगम, पाठ्यपुस्तक निगम, इलेक्ट्रानिक विकास निगम, सेडमैप, हेल्थ सर्विस कार्पोरेशन और डेयरी फेडरेशन से बिन निविदा आमंत्रित किए सीधे सेवाओं का उपार्जन किया जा सकेगा।

इन विधेयकों व प्रस्तावों को मिली मंजूरी-

मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2022 का अनुमोदन किया तथा विधेयक को विधानसभा में पुरःस्थापित कर पारित कराने की समस्त आवश्यक कार्रवाई करने के लिए राजस्व विभाग को अधिकृत किया। विमुक्त,घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तुक समुदायों के लिए स्वरोजगार योजना 2022-23 की स्वीकृति प्रदान की गई है। विभाग से संचालित योजना में योजना 2 भागों में संचालित होगी।

मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि (चतुर्थ संशोधन) विधेयक 2022 लाया जा रहा है। उक्त विधेयक में किसी व्यक्ति की ओर से जानबूझकर अथवा उपेक्षापूर्वक किसी मवेशी अथवा अन्य पशु को सार्वजनिक सड़क अथवा स्थान पर खुला छोड़ा अथवा बांधा जाता है, जिसके कारण किसी व्यक्ति को क्षति होती है या संपत्ति को नुकसान होता है या लोक यातायात को बाधा पहुंचती है या संकटापन्न होता है या लोक न्यूसेंस कारित होता है, तो वह राज्य सरकार की अोर से विहित जुर्माने से, जो एक हजार रुपए से अधिक का नहीं होगा, दंडनीय होगा। यह प्रस्तावित किया गया है।

मप्र सिनेमा (विनियमन) अधिनियम, 1952 की धारा 2. में म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 5 के खण्ड (34-क) में तथा मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 3 के खण्ड (18-क) में समानुदेशित किया गया है। धारा 4 में संशोधन कर नगर पालिक निगम की सीमाओं के भीतर आयुक्त नगर पालिक निगम तथा नगर पालिका परिषद, नगर परिषद की सीमाओं के भीतर आने वाले क्षेत्रों के लिए जिला मजिस्ट्रेट या जिला मजिस्ट्रेट की ओर से प्राधिकृत कोई कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को अनुज्ञप्ति प्रदान करने एवं धारा 7 में प्रावधानित एक हजार रुपए तक के अर्थदण्ड के स्थान पर 50,000 रुपये तथा प्रत्येक दिन के लिए जिसमें अपराध जारी रहता है 100 रुपए के स्थान पर 5000 रुपए के दण्ड का प्रावधान किया गया है।

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