MP : निजी स्कूलों में मनमानी फीस वसूली के सभी मामले अब चीफ जस्टिस सुनेंगे

MP : निजी स्कूलों में मनमानी फीस वसूली के सभी मामले अब चीफ जस्टिस सुनेंगे
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हाइकोर्ट ने इंदौर में लम्बित याचिका भी जबलपुर भेजने के दिए निर्देश, 13 जुलाई को होगी सुनवाई। पढ़िए पूरी खबर-

भोपाल। निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली को लेकर दायर सभी याचिकाओं पर अब हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजे) एके मित्तल की डिवीजन बेंच सुनवाई करेगी। मंगलवार को सीजे मित्तल व जस्टिस वीके शुक्ला की डिवीजन बेंच ने इस मामले में इंदौर बेंच के समक्ष लम्बित याचिका जबलपुर मुख्यपीठ भेजने के निर्देश दिए। सभी मामलों की एक साथ 13 जुलाई को सुनवाई होगी। स्कूल फीस की मनमानि को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर सेवक दायर जनहित याचिका में यह मुद्दा उठाया गया कि इंदौर हाईकोर्ट और जबलपुर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने निजी स्कूलो द्वारा फीस वसूली को लेकर दो अलग-अलग आदेश दिए हैं। इसके चलते विरोधाभास की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई निजी स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं, जबकि कुछ सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिए कि प्रदेश भर में निजी स्कूल ऑनलाइन कोचिंग के माध्यम से पढ़ाई संचालित कर रहे हैं। लेकिन भारी भरकम ट्यूशन फीस का स्ट्रक्चर तैयार कर अभिभावकों को लूटा जा रहा है।

राजधानी के बिलाबोंग स्कूल मामले में ट्यूशन फी को छोड़कर अन्य वसूली को गलत ठहराया था

इसके पूर्व मध्यप्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर जबलपुर हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश दिया था। भोपाल के बिलाबोंग इंटरनेशनल स्कूल के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि निजी स्कूल, ट्यूशन फीस को छोड़कर किसी दूसरे मद में कोई राशि नहीं वसूल सकते। ये याचिका भोपाल के अमित शर्मा की ओर से दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि राजधानी भोपाल में स्थित बिलाबोंग इंटरनेशनल स्कूल, ट्यूशन फीस के अलावा बिल्डिंग एक्टिविटी सहित कई मदों में फीस वसूल रहा है। हाईकोर्ट ने इसे राज्य सरकार द्वारा कोराना लॉकडाऊन में जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन माना था और ट्यूशन फीस छोड़कर किसी भी दूसरे मद में फीस वसूली को गलत ठहराया था। जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन की सिंगल बैंच ने 24 जून को ये आदेश देते हुए मामले पर राज्य सरकार और संबंधित निजी स्कूल के खिलाफ नोटिस भी जारी किया था।

15 जून को इंदौर खण्डपीठ ने सरकारी आदेश पर लगाई थी रोक

वहीं इससे पहले 15 जून को हाईकोर्ट की इंदौर खण्डपीठ, निजी स्कूलों की याचिका पर ट्यूशन फीस छोड़ दूसरे मदों में फीस वसूली ना करने के सरकारी आदेश पर रोक लगा चुकी थी। इसके अलावा एक अन्य याचिका भी इंदौर में डिवीजन बेंच के समक्ष लम्बित है। उपाध्याय ने कहा कि दोनों आदेश अंतर्विरोधी हैं। उन्होंने जबलपुर बेंच के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली अनुचित है, जबकि स्कूल बंद हैं। ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने इंदौर व जबलपुर में लम्बित सभी याचिकाओं को अपने समक्ष जबलपुर मुख्यपीठ स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।

इंदौर बेंच ने 10 अगस्त तक दी थी अंतरिम राहत

6 जुलाई को याचिका की सुनवाई करते हुए इंदौर की सिंगल बेंच ने कहा था कि अब इस मामले की सुनवाई डबल बेंच करेगी और 10 अगस्त को इसकी सुनवाई होगी। तब तक छह सप्ताह के लिए अंतिरम राहत के रूप में पुराना आदेश ही लागू रहेगा, मतलब स्कूल ऐसी कोई फीस नहीं वसूल पाएंगे जिसमें बच्चा इन्वॉल्व न हो, मतलब ट्रांसपोर्ट, मैस, हॉस्टल, स्मार्ट क्लास और अन्य एक्टिविटी। हालांकि मुख्यपीठ जबलपुर में ही अब इस मामले की सुनवाई होना है, इसलिए अब इस मामले में भी 13 जुलाई को ही सुनवाई के बाद फैसला होगा।

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