MP के सेल्समैन अभ्यर्थी परेशान, मिन्नतों के एवज में मायूसी मिली

MP के सेल्समैन अभ्यर्थी परेशान, मिन्नतों के एवज में मायूसी मिली
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मध्यप्रदेश के हजारों शिक्षित बेरोजगार सरकारी नौकरी के लिए चयनित होने के बावजूद बेरोजगार ही हैं, क्योंकि उन्हें जॉइनिंग नहीं मिली है। हद तो यह है कि 2 सालों से वे जोइनिंग की राह देख रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर-

भोपाल। राज्य सरकार ने सहकारिता विभाग में सेल्समैन की भर्ती के लिए वैकेंसी तो निकाल दिया, नियुक्ति की प्रक्रिया भी पूरी कर ली, लेकिन चयनित हो चुके अभ्यर्थियों को अभी तक जॉइनिंग नहीं मिली, जिसके कारण वे बहुत परेशान हैं। पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि बेरोजगारी से परेशान वे पहले से हैं, लेकिन सरकार के इस रवैय्ये ने उन्हें और भी ज्यादा परेशान कर रखा है।

गौरतलब है कि 2 साल पहले 14 सितंबर 2018 को सहकारिता विभाग में सेल्समैन के 3629 पदों पर भर्ती के लिए सरकारी वैकेंसी निकली थी। खाली पदों पर भर्ती के लिए कई सालों से नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे हजारों शिक्षित बेरोजगारों ने अर्जियां पेश की थी।

मेरिट के आधार पर नियुक्ति :- सूत्रों से जानकारी मिली है कि 10वीं 12वीं की अंकसूची और कंप्यूटर संबंधी योग्यता के हिसाब से बनी मेरिट लिस्ट के आधार पर इन खाली पदों पर नियुक्तियां होनी थी।

कोरोना और सरकार का बदलना :- 20 मार्च 2020 को इस भर्ती के लिए मेरिट सूची भी आ गई, लेकिन जैसे ही मेरिट सूची आई, ठीक उसी समय कोरोना का प्रकोप भी मध्यप्रदेश में बढ़ने लगा और लगभग उसी समय मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरी और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई।

राह तकते रह गए अभ्यर्थी :- इस बीच सेल्समैन के खाली पदों पर नियुक्ति की आस में अर्जी देने वाले मध्यप्रदेश के शिक्षित बेरोजगार अपनी जोइनिंग की राह तकते रह गए।

सरकार बदली, पर स्थिति नही :- अब नई सरकार को भी 6 माह से ज्यादा वक्त हो गए। कोरोना के कारण लगा लॉकडाउन भी खत्म सा हो गया, सभी सरकारी दफ्तर लगभग सामान्य रूप से संचालित होने लग गए, लेकिन सेल्समैन के रूप में सरकारी नौकरी पाने की उम्मीद लगाए बैठे शिक्षित बेरोजगारों को जॉइनिंग अभी तक नहीं मिली।

मिन्नतों के बदले मायूसी :- इस बीच सेल्समैन अभ्यर्थियों ने ना जाने कितने पत्र, कितने ज्ञापन और कितनी मिन्नतें मंत्रियों, विधायकों और सरकारी अफसरों तक पहुंचा डाले, लेकिन अभी तक उनकी जॉइनिंग नहीं हुई। लिहाजा बेरोजगारी का दंश पहले से ही झेल रहे मध्यप्रदेश के हजारों शिक्षित बेरोजगार अभी भी मायूस हैं।

कोई प्रतिक्रिया भी नही :- उन्हें निराशा इस बात की भी है कि तमाम गुज़रिशों के बावजूद उनकी जॉइनिंग की मांग पर सरकार की तरफ से ना तो कोई सक्रियता दिख रही है, ना कोई प्रतिक्रिया दिख रही है।

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