MP : कंप्यूटर बाबा की आज नहीं होगी रिहाई, प्रशासन ने फंसाया पेंच

इंदौर। कंप्यूटर बाबा की अभी भी मुश्किलें कम नहीं हुई है।संभावना है, कि कंप्यूटर बाबा की सेंट्रल जेल से रिहाई दीवाली के पहले संभव नहीं हो पाएगी।दरअसल,जिला प्रशासन ने बाबा की रिहाई पर नया पेंच फसा दिया है। क्योंकि मल्हारगंज के एसडीएम राजेश राठौर जिन्होंने जमानत दी थी।उनका प्रभार बदलकर हातौद का एसडीएम बना दिया गया वहीं, पराग जैन को मल्हारगंज का एसडीएम प्रभार दिया गया है।लेकिन पराग जैन ने अब तक मल्हारगंज एसडीएम का चार्ज नहीं लिया है। इस वजह से ना तो बैंक गारंटी के दस्तावेज़ जमा हो पाए है साथ ही रिहाई के आदेश भी जारी नहीं किए गए है। वहीं,आगामी दो दिनों तक छुट्टी है। लिहाजा,माना जा रहा है, कि कंप्यूटर बाबा की रिहाई दीवाली तक नहीं हो पाएगी।
भाजपा और कांग्रेस दोनों के शासन काल में राज्यमंत्री का दर्जा पा चुके नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा को 5 लाख की बैंक गारंटी के साथ जमानत मिलने की बात कही जा रही थी, लेकिन आज कंप्यूटर बाबा की रिहाई नहीं हो सकेगी। जिला प्रशासन ने ऐसा पेंच फसाया है कि जमानत देने वाले मल्हार गंज के एसडीएम राजेश राठौर को हातोद भेज दिया गया और पराग जैन को मल्हार गंज का नया एसडीएम बनाया गया है लेकिन उन्होंने अब तक चार्ज नहीं लिया है।
एसडीएम कोर्ट से जमानत के संबंध में आदेश पारित नहीं होने पर बाबा के वकील सेशन कोर्ट चले गए थे। इसी बीच सूचना आई कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के शासन काल में राज्यमंत्री का दर्जा पा चुके नामदेव दास त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा को गुरुवार को सशर्त छोड़े जाने के आदेश जारी किए।
बता दें जिला प्रशासन ने 8 नवंबर को ग्राम जम्बूडी हप्सी के खसरा नंबर 610/1 और 610/2 की 46 एकड़ से ज्यादा जमीन में से दो एकड़ पर फैले लग्जरी आश्रम के अवैध कब्जे तोड़ने की बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। पूरे आश्रम को चार पोकलेन की मदद से ध्वस्त किया गया था। इस दौरान अशांति फैलाने के आरोप में बाबा और उनके सहयोगी रामचरण दास, संदीप द्विवेदी, रामबाबू यादव, मोनू पंडित, जगदीप सहित कुल सात लोगों को एसडीएम राजेश राठौर द्वारा अगले आदेश तक जेल भेज दिया गया था।
कार्रवाई के दौरान करीब 100 जवानों के फोर्स के साथ एसपी पश्चिम महेशचंद जैन, एएसपी प्रशांत चौबे, तीन सीएसपी, पांच टीआई सहित कंट्रोल रूम का रिजर्व बल और डीआरपी लाइन के रिजर्व बल के जवान मौजूद थे। प्रशासन ने सुपर कॉरिडोर पर करीब पांच करोड़ मूल्य की 20 हजार वर्गफीट जमीन मुक्त कराई थी। इसके लिए इस जमीन पर दो कमरे और करीब 1200 वर्गफीट पर निर्माण था। बाकी जमीन खुली थी। इसका कब्जा मुक्त होते ही आईडीए ने दोपहर में ही अफसरों को भेज दिया।
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