MP Congress Election Plan : मध्यप्रदेश में कांग्रेस कैसे जीतेगी 150 सीटें, ये रहा पूरा गणित

MP Congress Election Plan : मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कर्नाटक में मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस ने अब दम भरना शुरू कर दिया हैं। राहुल गांधी भी दावा कर चुके है कि एमपी चुनाव में कांग्रेस 150 सीटें जीतेगी। लेकिन सवाल यह उठाता है कि क्या कांग्रेस 150 सीटें जीत पाएगी? आखिर राहुल गांधी के दावे में कितना दम है? पिछले चुनावों के आंकड़ों और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से यह जानने की कोशिश करते है कि राहुल गांधी की 150 सीटों वाले वादे में कितना दम है।
मालवा में कांग्रेस का गणित
सबसे पहले आपको बता दे कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 230 सीटों में से 114 सीटें जीती थी। वही भाजपा को 109 सीटें ही मिली थी। मालवा अंचल की 38 सीटों में से 24 सीटें अभी भाजपा के पास है। साल 2018 के चुनावों में कांग्रेस को 18 सीटें मिली थी। कर्नाटक में राहुल गांधी ने जिन क्षेत्रों में भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी उन क्षेत्रों कांग्रेस को काफी सीटों का फायदा हुआ है। एमपी में भी कांग्रेस का मालवा से ज्यादा सीटे मिलने की उम्मीद है। क्योंकि मध्यप्रदेश के 6 जिलों से भारत जोड़ो यात्रा गुजरी थी।
ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस का गणित
ग्वालियर-चंबल अंचल की बात करे तो यहां कांग्रेस को लगता है कि सिंधिया और उनके समर्थकों की बगावत से नाराज जनता का पार्टी को फायदा मिलेगा। कांग्रेस का मानना है कि सिंधिया की बगावत से यहां की जनता नाराज है, क्योंकि जनता ने कांग्रेस को देखकर वोट दिया था, लेकिन विधायकों ने पाला बदल लिया। आपको बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 31 सिटों में से 24 सीटे मिली थी। जबकि भाजपा को 6 सिटें मिली थी। एक सीट बसपा के खाते में गई थी। लेकिन उपचुनाव के बाद ग्वालियर चंबल की तस्वीर बदल गई थी।
महाकौशल में कांग्रेस का गणित
महाकौशल में कांग्रेस को लगता हैं कि जिस तरह से साल 2018 में कांग्रेस ने 38 सिटों में से 24 सिटों पर कब्जा जमाया था, इस बार भी पुरानी सीटे दोहराएंगी बल्कि नई सीटें भी मिलने की संभावना है। क्योंकि सबसे खास बात यह है कि यहां का आदिवासी वोट बैंक भाजपा के प्रभाव में नहीं है। महाकौशल में करीब 5 से 8 जिले ऐसे है जो आदिवासी बाहुल माने जाते है। और इन जिलों में कांग्रेस का प्रभाव है।
विंध्य में कांग्रेस का गणित
विंध्य की बात करे तो विंध्य में बीते महीनों पहले हुए नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस का अच्छा रिस्पॉंस मिला था। लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। निकाय चुनावों में कांग्रेस को मिले अपार समर्थन से कांग्रेस को काफी उम्मीदे है। निकाय चुनावों मे कांग्रेस को विंध्य की 30 में से 6 सीटें कांग्रेस को मिली थी। कांग्रेस ने भाजपा के गढ़ रीवा में महापौर का चुनाव जीता था। रीवा और सीधी नगर पालिका में भी कांग्रेस का दबदवा रहा। इतना ही नहीं विंध्या की ऐसी कई सीटे ऐसी है जहां से साल 2018 के चुनावों में भाजपा प्रत्याशी कम मार्जिन से चुनाव जीते थे। इसलिए कांग्रेस को विंध्य से पूरी उम्मीद है
कांग्रेस का इन सीटों पर पूरा फोकस
कांग्रेस का प्रदेश की ऐसी सीटों पर सबसे ज्यादा फोकस है, जहां से कांग्रेस लगातार हार रही है। इन सीटों पर कांग्रेस ने तय किया है कि चुनाव के 3 महीने पहले उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे, ताकि उम्मीदवार को चुनाव प्रचार के लिए समय मिल सके। इतना ही नही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इन सीटों का लगातार दौरा कर रहे है। इसके अलावा जिन सीटों पर टिकट को लेकर खींचतान नहीं है, उन सीटों पर भी 3 महीने पहले उम्मीदवार के नाम तय कर लिए जाएंगे।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS