MP Election 2023: सुप्रिया श्रीनेत ने शिवराज सरकार पर बोला हमला, बोली-प्रदेश में घोटाले ओर भ्रष्टाचार करने लिया कर्ज

MP Election 2023: भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही हैं वैसे वैसे प्रदेश का सियासी पारा तेज होता जा रहा है और अब तो आरोप प्रत्यारोप का दौर भी तेज है। तो वहीं शुक्रवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पीसीसी मुख्यालय में प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में घोटाले और भ्रष्टाचार करने के लिए प्रदेश सरकार ने कर्ज लिया। इस समय प्रदेश सरकार पर चार लाख करोड़ रुपए का कर्जा है। इसका 20 हजार करोड़ रुपए शिवराज सरकार ब्याज चुकाती है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति के ऊपर 40 हजार रुपए का कर्जा है। एक लाख करोड़ रुपए का कर्जा पिछले दो सालों में लिया गया। जिसके चलते पांच साल में कर्जा भी दोगुना हो गया। उनहोंने कहा कि एक तरफ कर्जा बढ़ता जा रहा है। दूसरी तरफ प्रदेश में आमदनी बढ़ाने, निवेश, रोजगार देने कोई सख्त कदम नहीं उठाएग गए।
18 साल अर्थव्यवस्था हुई खास्ताहाल
मध्य प्रदेश में भाजपा वाली शिवराज सिंह सरकार के 18 सालों में अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हुई है। चालीस लाख युवा हैं बेरोजगार, महंगाई से है बुरा हाल और कजर्जा बढ़ गया। सबसे पहले आपको कर्जे की बात बता देते हैं। आज की तारीख में राज्य सरकार के ऊपर करीब 4 लाख करोड़ का कर्जा है, करीब 20 हजार करोड़ से ज्यादा तो ब्याज चुकाती है शिवराज की सरकार। मोटे तौर पर इस समय मध्यप्रदेश के प्रति व्यक्ति पर 40,000 से ज्यादा का कर्जा है। एक लाख करोड़ का कर्जा तो पिछले दो सालों में ले लिया गया, जिसके चलते 5 साल में कर्जा भी आपके ऊपर दोगुना हो गया।
प्रदेश में कर्ज बढ़ा शिवराज देखते रहे-सुप्रिया
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और आई टी प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि कर्ज बढ़ता गया और आमदनी जस की तस, अरे कर्ज लिया था तो निवेश करते,रोजगार बनाते, पर आमदनी बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। जिसके चलते सरकार का घाटा मतलब आमदनी और खूर्चे के बीच का जो अंतर होता है वो तीन साल में तिगुना बढ़कर 54,000 करोड़ पहुँच गया है।
कर्ज में डूबी हुई सरकार रोजगार और न तो नहीं सोचती, लेकिन भ्रष्टाचार बेलगाम है, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां घोटाले नहीं हुए हों। नौकरी ना मिलने का सबसे बड़ा कारण है कि यहां पर निवेश हिनहिना हो रहा सरकारी नौकरी घोटालों और शिथिलता के चलते भारी नहीं जा रहीं और प्राइवेट क्षेत्र पैसा लगाने को तैयार नहीं। आखिर 18 साल में यहाँ कोई बड़ी इंडस्ट्री, कोई बड़ी फैक्ट्री, कोई बड़ा उद्योग घराना निवेश क्यों नहीं कर रहा है? सबसे ज्यादा बुरा हाल तो ग्रेजुएट मतलब धारकों का है, उनमें तो बेरोज़गारी की दर 12% के पार है, पाँचवी पास को तो फिर भी चलो मेहनत मजदूरी का काम मिल जाता है. भ्रष्टाचार के दलदल में फंस कर शिवराज सरकार ने प्रदेश के युवाओं के भविष्य को ही ताक पर रखा हुआ है।
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