MP Election 2023 : कुछ सीटों पर ‘नए चेहरे’ उतारने का फैसला, पीएम के दौरों का खींचा गया खाका

MP Election 2023 : कुछ सीटों पर ‘नए चेहरे’ उतारने का फैसला, पीएम के दौरों का खींचा गया खाका
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मध्यप्रदेश विधानसभा को लेकर दिल्ली में बुधवार को शीर्ष नेतृत्व के साथ प्रदेश नेताओं ने चुनावी तैयारियों को लेकर मंथन किया।नेताओं से मिलने के उपरांत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शाम को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हिस्सा लिया। जहां मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर चर्चा की गई।

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा को लेकर दिल्ली में बुधवार को शीर्ष नेतृत्व के साथ प्रदेश नेताओं ने चुनावी तैयारियों को लेकर मंथन किया।नेताओं से मिलने के उपरांत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शाम को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हिस्सा लिया। जहां मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर चर्चा की गई।

चुनाव समिति और कोर ग्रुप के नेता मौजूद रहे

विशेषकर मध्यप्रदेश की चुनावी रणनीति पर काफी देर तक नेताओं के बीच चर्चा हुई। बैठक में टिकट क्राइटएरिया,चुनावी कैंपेन और संभावित एंटी-इनकमबैंसी से निपटने के लिए अहम निर्णय लिए गए।बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, सुधा यादव, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा मध्यप्रदेश चुनाव समिति और कोर ग्रुप के नेता मौजूद रहे।

विधायकों के परिजनों को टिकट मिलना अब टेढ़ी खीर

बैठक में प्रत्याशी तय करने के लिए आवश्यक क्राइटेरिया पर नेताओं के बीच काफी देर तक मंथन हुआ। जिससे तय किया गया कि पार्टी के अंदरूनी सर्वे में जिन विस क्षेत्रों की स्थिति खराब है और पार्टी का विधायक है, तो वहां नए चेहरे को टिकट दिया जाए। पार्टी ने स्पष्ट किया कि ऐसे स्थानों पर कोशिश हो कि विधायक के किसी परिजन को टिकट नहीं मिले,यदि बहुत ही मजूबरी हो, तो यह देखा जाए कि विधायक का परिजन कब से संगठन की गतिविधियों में सक्रिय है और उसे क्षेत्र की जनता कितना महत्व देती है। बैठक में चुनावी कैंपन को लेकर भी चर्चा हुई। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मप्र में चुनावी सभाओं के अलावा दूसरे बड़े नेताओं की चुनावी दौरों को लेकर भी खाका खींचा गया। प्रदेश चुनाव समिति केंद्रीय नेतृत्व को बताएंगी कि किन-किन स्थानों पर प्रधानमंत्री सहित वरिष्ठ नेताओं की चुनावी सभाएं कराई जाएं, जिसका लाभ पार्टी को मिल सके।

60 से 70 सीटों पर विशेष फोकस

बैठक में मध्यप्रदेश की लगभग 60 से 70 सीटों को लेकर मंथन किया। ये वे सीटें है,जहां भाजपा को पिछली बार कम मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा का आतंरिक सर्वे के में एक बात और सामने आई है जिसमें यह कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी, सीएम शिवराज सिंह या भाजपा संगठन को लेकर कोई नाराज़गी नहीं है, लेकिन वोटरों की उदासीनता एक बड़ा फैक्टर है। वोटरों को मोबलाइज करने पर भी काफी मंथन हुआ।

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