MP ELECTION : भाजपा नेता ने बेरोजगारों से छलावे का लगाया कांग्रेस पर आरोप, पूछे सवाल

MP ELECTION : भाजपा नेता ने बेरोजगारों से छलावे का लगाया कांग्रेस पर आरोप, पूछे सवाल
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MP ELECTION : इंदौर। भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविन्द मालू ने एक बार फिर कांग्रेस को घेरते हुए सवाल किया है। मालू ने कहा है कि नेहरु ने क्यों कहा हम थक चुके इसलिए देश बाँट दो। उन्होंनें कहा कि कांग्रेस ने बेरोजगारों से छलावा किया।

MP ELECTION : इंदौर। भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता गोविन्द मालू (Govind Malu) ने एक बार फिर कांग्रेस (Congress) को घेरते हुए सवाल (Question) किया है। मालू ने कहा है कि नेहरु (Nerhu) ने क्यों कहा हम थक चुके इसलिए देश बाँट दो। उन्होंनें कहा कि कांग्रेस ने बेरोजगारों से छलावा किया।

गोविन्द मालू ने कांग्रेस से 5 सवाल करते हुए विपक्षीय नेताओं को घेरा है। मालू ने ट्वीट के माध्यम से अपने सवालों को कांग्रेस से पूछा है। 1. प्रत्येक परिवार को रोजगार देने का वादा 1998 में किया था लेकिन सरकारी नौकरियों के दरवाजे बंद कर दिए 28000 दैनिक वेतन भोगियों को निकाल दिया गया कर्मचारियों ने आत्महत्या का रास्ता अपनाया था। आरक्षित बैकलॉग के पद भी भरने का वादा पूरा नहीं । सरकारी क्षेत्र में 60000 से अधिक पद समाप्त किए गए आईआईटी बंद पड़े थे स्वरोजगारों को प्रोत्साहन देने का वादा पूरा नहीं किया 22 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा 2018 में किया था पूरा नहीं किया क्यों ? शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा (घोषणा पत्र पृष्ठ10 )1998 में और 2018 में किया था,पूरा नही किया क्यों ? 4 हजार रुपए बेरोज़गारी भत्ते का कमलनाथ का वादा,क्या हुआ ? तब ना अब ? कितनों को मिले ? कांग्रेस आती है,बेरोजगारों को छलती है नारा जनता ने लगाया मिस्टर बंटाढार ने अपने 10 साल में नई भर्ती पर रोक लगा दी थी ?

वक्त था बदलाव का

2. लाचार कांग्रेस शासन : 15 माह की सरकार में दिग्विजय सिंह मंत्रियों को सिफारिशी चिट्ठी लिखते रहे लेकिन उनकी ही नहीं सुनी गई तब उन्होंने चिट्ठी लिखी पूछा मुझे समय दें जानना चाहूंगा मेरी सिफारिशो का क्या हुआ ? इसकी जानकारी वे 31 अगस्त 2019 तक चाह रहे थे क्या यही वक्त था बदलाव का ?

3. नेहरू ने क्यों कहा कि हम थक चुके थे इसलिए बंटवारा स्वीकारा : नेहरू ने 1960 में लियोनार्ड मोस्ले से चर्चा में स्वीकार किया था कि हम थक चुके थे। आयु भी अधिक हो गई थी ऐसे में यदि हम "अखंड भारत" की बात पर अड़े रहते तो स्पष्ट था कि हमें फिर से कारावास में जाना पड़ता फल स्वरुप देश के बंटवारे की योजना ने एक बीच का मार्ग निकाला और हमने उसे स्वीकार कर लिया । क्या यह नेहरू और कांग्रेस की सत्ता लोलुपता नहीं थी जो भारत का विभाजन करने से नहीं चूकी ?

4. म.प्र.में पी.एफ.आई.(पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) के 25 से अधिक सक्रीय सदस्य व पदाधिकारी गिरफ्तार होते हैं और कर्नाटक में कांग्रेस इसके राजनैतिक संगठन एस.डी.पी.आई.से गठबंधन करती है,विभाजन की जिम्मेदार मुस्लिम लीग से और मौलाना अजमल की पार्टी ए.आई.यू.आई.डी.एफ से आसाम में और प.बंगाल में पीरजादा अब्बास (फुरफुरा शरीफ दरगाह) की पार्टी (आई.एस.एफ.) से गठबंधन की क्या मज़बूरी थी ? क्या यह धर्मनिरपेक्षता है,या साम्प्रदायिकता या वोट बैंक ?

5. ऐसा क्यों कहा जाता है कि कांग्रेस की केकड़ा संस्कृती में यदि कोई बचता है तो वह गांधी परिवार ही बचता है ?

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