MP Election Update : एमपी में फिर आएंगे राहुल और प्रियंका,टिकट वितरण में इन नेताओं से पार्टी बना रही दूरी

भोपाल। मप्र में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है। यही कारण है कि 5 दिन की बैठक के बाद चुनाव अभियान समिति की बैठक की हुई। मप्र चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला भी बैठक में मौजूद थे। कमलनाथ के आवास पर कांग्रेस के सीनियर नेता और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य भी मौजूद रहे। टिकट फाइनल करने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दौरे मध्य प्रदेश में होंगे।
जिन विधायकों की स्थिति खराब उन्हें दिए निर्देश
स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों ने पिछले दिनों नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। उनके सुझाव को भी टिकट वितरण में ध्यान में रखा जाएगा। जिन मौजूदा विधायकों की स्थिति खराब है, उन्हें भी पार्टी की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं। करीब 20 से अधिक विधायक ऐसे हैं, जिनकी क्षेत्र में जनता के बीच बेहतर संपर्क है, लेकिन पार्टी के नेता नाराज हैं। ऐसे विधायकों को जिला अध्यक्ष और प्रभारी के साथ संबंध में बनाने के लिए निर्देश जारी किए गए थे।
पीसीसी की जगह कमलनाथ आवास बना पावर सेंटर
पिछले दो-तीन महीने से लगातार कांग्रेस की बैठक सिर्फ कमलनाथ के बंगले पर ही हो रही है। कांग्रेस कार्यालय की जगह कमलनाथ का बंगला ही पावर सेंटर बना हुआ है। वचन पत्र की सभी बैठक भी कमलनाथ के बंगले पर ही चली थी। जानकारों का कहना है कि कमलनाथ को आशंका है कि कांग्रेस कार्यालय में बैठक करने से गोपनीयता भंग हो जाएगी। कांग्रेस भीतरघात की आशंका से चिंतित है और यही कारण है कि कमलनाथ के बंगले को ही उचित बैठक के लिए समझा गया है।
कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा करेंगे भाजपा प्रवासी
आईसीसी के सदस्य और कांग्रेस के सीनियर लीडर भंवर जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया था कि भाजपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं को भी टिकट दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए संगठन की मंजूरी जरूरी होगी। इससे भाजपा की प्रवासी कांग्रेस के मूल कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं। हालांकि पार्टी ने यह है तय किया है कि जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा।
कांग्रेस करेगी पहली सूची जारी
इससे पहले कांग्रेस की पहली सूची भी जारी हो जाएगी। दिल्ली में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी। इसके बाद टिकट की पहली सूची जारी होगी। कांग्रेस ने फिर से सरकार बनाने क्राइटेरिया भी बदला है। तीन बार से लगातार हार रहे नेताओं से कांग्रेस विधानसभा चुनाव में दूरी बनाएगी। यानी उन्हें फिर से मौका पार्टी की तरफ से नहीं मिलेगा।
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