MP : एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ FIR, षडयंत्र कर शासन को लगाया ढाई करोड़ का चूना

MP : एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ FIR, षडयंत्र कर शासन को लगाया ढाई करोड़ का चूना
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इंदिरा सागर परियोजना में मुआवजा राशि निर्धारण में धांधली का आरोप। पढ़िए पूरी खबर-

बड़वानी। भू-अर्जन प्रकरणों में षडय़ंत्र कर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिरी है। प्रशासनिक अफसरों पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ मिलकर भू-अर्जन प्रकरणों में आवेदकों से मिलीभगत कर अमानत में खयानत करते हुए शासन को ढाई करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इस ममाले में तत्कालीन एसडीएम महेश बड़ोले और तहसीलदार आदर्श शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

इस मामले में एनव्हीडीए भू-अर्जन अधिकारी एसपी मंडरा ने कोतवाली में शिकायत की है। अफसरों पर भूमि का गलत नामांतरण, बंटवारा और डायवर्सन का आरोप लगा है। 5 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। इंदिरा सागर परियोजना में मुआवजा राशि निर्धारण में धांधली का आरोप है। मामले में एसडीएम का पूर्व रीडर बाबूलाल मालवीय और उनकी कलाबाई आरोपी भी है। तत्कालीन पटवारी रेवाराम गंगवाल भी आरोपी है।

जानकारी के अनुसार आवेदिका मीना पति रमेशचंद्र ओचानी निवासी राजघाट रोड बड़वानी के मालिकी एवं आधिपत्य की सेगांव में स्थित 1 एकड़ भूमि सर्वे नंबर 6 1/8 जो व्यवसायिक प्रयोजन के लिए अनुभाग अधिकारी राजस्व बड़वानी द्वारा सन 2005-06 में पारित आदेश द्वारा डायवर्शन की थी।

मीना ओचानी ने सन 2011-12 में इस व्यवसायिक डायवर्ट भूमि को पुन: अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी के द्वारा कृषि प्रयोजन में डायवर्ट कराई। इसके बाद इस 1 एकड़ भूमि को 31 मार्च 2012 को तीन लोगों कमला बाई पति गजानंद कलाल निवासी बड़दा, राजेश पिता हीरालाल पाटीदार तथा लक्ष्मीनारायण पिता शंकरलाल गुप्ता निवासी लोहारी को 0.135 हेक्टर भूमि विक्रय की गई। इस बेची गई भूमि का नामांतरण 25 जनवरी 2014 को तत्कालीन एसडीएम बड़वानी महेश बड़ोले द्वारा स्वीकृत किया गया था, लेकिन पटवारी गंगाराम द्वारा इस आदेश पर अमल नहीं करते हुए इस भूमि को मूल खातेदार के नाम ही दर्ज रखी गई व स्वीकृत बटांकन अनुसार खसरे में त्रुटिपूर्ण बटे नंबर दर्ज किए गए तथा सन 2013 से 2017 तक रिकॉर्ड अद्यतन नहीं किया गया।

21 अगस्त 2018 को सर्वे नंबर 8 1/11 रकबा 0.138 हेक्टेयर को पारिवारिक आपसी नामांतरण, बंटवारा के लिए कमला बाई, पारूवाई, कलाबाई द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया। जबकि इस भूमि पर कलाबाई का कोई स्वत्व ही नहीं था। तत्कालीन तहसीलदार आदर्श शर्मा द्वारा 22 अगस्त 2016 को इस भूमि पर कमलाबाई, पारूबाई का नाम कम कर अवैधानिक रूप से कलाबाई का नाम दर्ज किया गया। इसी भूमि का विधि विरुद्ध डायवर्शन प्रवाचक बाबूलाल मालवीय द्वारा तत्कालीन एसडीएम महेश बड़ौले से मिलकर अपनी सगी बहन कलाबाई के नाम से कराया गया। इसके कारण प्रश्नाधीन भूमि के अर्जन में कलाबाई के नाम से रेफरेंस प्रकरण में अवार्ड राशि 14,39,593 रुपए के स्थान पर 2,53,40,394 रुपए का मुआवजा अधिनिर्णय पारित हुआ।

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