MP Home Department : 34 साल बाद गृह विभाग करने जा रहा है ये बड़ा काम

भोपाल। मध्य प्रदेश में जल्द ही पुलिस विभाग में रिव्यू करने की कवायद शुरू होने जा रही है। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि डीएसपी के पदों पर रिव्यू किया जाए। इससे असर यह होगा कि आने वाले 5 सालों में डीएसपी के 100 पद घट जाएगा। रिव्यू करने का कारण है कि प्रमोशन के साथ ही बिना आईपीएस बने ही अफसर 30 साल के बाद रिटायर हो रहे हैं।
जबकि जनसंख्या साढ़े आठ करोड़ है
जानकारों की मानें तो हर साल राज्य पुलिस सेवा में उदाहरण के तौर पर 40 अफसरों की भर्ती होती है। सिर्फ 8 अफसरों को आईपीएस बनाया जाता है। दूसरे साल में 35 राज्य पुलिस सेवा के पदों पर भर्ती होती है। इनमें से 6 अफसरों को ही आईपीएस के चयन किया जाता है। ऐसी स्थिति में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की संख्या में हर साल बढ़ोतरी होती है लेकिन आईपीएस के पद कम होने से अफसरों को कैडर एलाट नहीं होती है और जो अफसर आईपीएस नहीं बनते हैं। उन्हें एडिशनल एसपी के पद से ही 30 साल की नौकरी के बाद रिटायर होना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर उप्र की आबादी 22 करोड़ से अधिक है और डीएसपी के 900 पद है। मप्र में डीएसपी की संख्या एक हजार से अधिक है, जबकि जनसंख्या साढ़े आठ करोड़ है।
रिव्यू करने का बड़ा कारण- प्रमोशन के साथ बिना आईपीएस बने ही रिटायर हो रहे डीएसपी
14 सालों में अफसर बनते थे आईपीएस
सीनियर आईपीएस अधिकारी ने बताया है कि साल 2000 से 2005 के बीच राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी 14 सालों में ही आईपीएस बन जाते थे। इसका कारण था कि सीधी भर्ती के अलावा राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का कोटा ज्यादा था। इसके साथ ही राज्य पुलिस सेवा में भर्ती भी कम की जाती थी, लेकिन पिछले 14 सालों में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की भर्ती ज्यादा संख्या में हो रही है लेकिन आईपीएस के लिए प्रमोशन की संख्या घटती जा रही है।
रिव्यू में पद कम कर बैलेंस बनाने की रहेगी कोशिश
गृह विभाग के अधिकारियों की माने तो अभी हर साल यदि 35 से अधिक पदों पर भर्ती होती है। रिव्यू के बाद राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की भर्ती की संख्या घटाई जाएगी। आने वाले 5 सालों में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी रिटायर होंगे और भर्ती की संख्या कम करने के बाद डीएसपी के पद भी कम होंगे। इसके बाद राज्य पुलिस सेवा के 15 से 20 साल में भी आईपीएस बन सकेंगे।
अफसरों को आईपीएस बनने का मौका मिलेगा
एसीएस (होम) ,डाॅ. राजेश राजौरा ने बताया कि गृह विभाग ने डीएसपी के पदों पर रिव्यू करने का फैसला किया है। इसका कारण है कि डीएसपी के भर्ती होने वाले अधिकारी 30 साल की नौकरी के बाद भी आईपीएस नहीं बन पाते हैं। यदि भर्ती की संख्या कम करेंगे तो आने वाले कुछ सालों में अफसरों को कम समय में आईपीएस बनने का मौका मिलेगा।
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