मप्र मानव अधिकार आयोग : जमानती गिरफ्तारी वारण्ट जारी होने के बाद पेश हुई मेडिकल यूनिवर्सिटी की एक्जाम कन्ट्रोलर, दिया जवाब

भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा एक मामले में मध्यप्रदेश मेडिकल सांइस यूनिवर्सिटी, जबलपुर की एक्जाम कन्ट्रोलर डॉ. वृन्दा सक्सेना को आयोग में उपस्थित होेकर स्पष्टीकरण देने के आदेश के बाद गुरूवार को एग्जाम कंट्रोलर डॉ. वृन्दा आठ आयोग में पेश हुई और शो-कॉज नोटिस के जवाब साथ ही प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया। अब मामले में आयोग ने डॉ. वृन्दा द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन पर आवेदिका डॉ. नेहा राठौर से प्रतिक्रिया मांगी है। आवेदिका की प्रतिक्रिया मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की होगी। मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी 2022 को रखी गई है।
दरअसल, भोपाल के राजीव गांधी आयुर्वेद कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नेहा राठौर ने एक नवम्बर 2019 को प्राचार्य, राजीव गांधी आयुर्वेद कालेज, भोपाल के विरूद्ध शिकायत की थी कि कालेज में कार्यरत रहने के दौरान प्राचार्य के निर्देशन में मुख्य प्रायोगिक परीक्षा में आवेदिका के जाली हस्ताक्षर कर मूल अंकों से छेड़छाड़ की गयी थी। आवेदिका ने इस संबंध में थाना प्रभारी शाहपुरा को भी सूचित किया था, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी थी। आवेदिका ने आयोग से समुचित कार्यवाही करने का अनुरोध किया था।
इसलिए जारी किया गया था जमानती गिरफ्तारी वारंट :
शिकायत मिलने पर आयोग ने एक्जाम कन्ट्रोलर, मध्यप्रदेश मेडिकल साईंस यूनिवर्सिटी, जबलपुर को पांच स्मरण पत्र भेजे, लेकिन प्रतिवेदन नहीं मिला। जिसके बाद डॉ.वृन्दा सक्सेना को दो स्मरण पत्र नामजद भेजे गये और आयोग में उपस्थित होने को कहा गया, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने न तो प्रतिवेदन दिया और न ही वे आयोग के समक्ष उपस्थित हुईं थीं। जिसके बाद आयोग ने डॉ. वृन्दा को उपस्थित न होने के चलते 22 सितम्बर 2021 को पांच हजार रुपए से अधिक का जुमार्ना लगाने सम्बन्धी नामजद कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें आयोग में व्यक्तिश: आकर जवाब देने को कहा गया था। साथ ही पांच हजार रुपए का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारण्ट भी जारी किया गया था। जिसके बाद डॉ. वृन्दा सक्सेना आयोग में उपस्थित हुईं।
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