MP : सरकार को मानवाधिकार आयोग का नोटिस, कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों की मांगी जानकारी

MP : सरकार को मानवाधिकार आयोग का नोटिस, कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों की मांगी जानकारी
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आयोग ने कोरोना महामारी के अलावा ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर भी जानकारी देने को कहा गया है। इस नोटिस में कोरोना के इलाज और मौतों की जानकारी के अलावा जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी रोकने के उपाय पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पढ़िए पूरी खबर

भोपाल। मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने शिवराज सरकार को नोटिस जारी किया है। मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने शिवराज सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो इससे निपटने के लिए क्या तैयारी की गई है? कोरोना महामारी के अलावा ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर भी जानकारी देने को कहा गया है। इस नोटिस में कोरोना के इलाज और मौतों की जानकारी के अलावा जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी रोकने के उपाय पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

आयोग के अध्यक्ष जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजे गए नोटिस में 6 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। याचिका में इसके लिए 28 मई तक जवाब देने को कहा गया है।

• 9 से 18 मई तक हर दिन जिलेवार कोरोना और ब्लैक फंगस के कितने मरीज मिले। इलाज व दवाओं के अभाव में कितने मरीजों की मौत हुई?

• इन बीमारियों के उपयोग में आने वाली दवाईयों एवं इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?

• इन बीमारियों की उपयोग में आने वाली दवाईयों/इंजेक्शन की कालाबाजारी के संबंध में कितनी FIR किन धाराओं में की गईं?

• दवाओं व इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने हेतु क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं ?

• हर जिले में सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कितने बेड उपलब्ध हैं?

• कोरोना महामारी की यदि तीसरी लहर आती है,तो क्या व्यवस्थाएं की जा रही है?

यह नोटिस कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा की याचिका पर संज्ञान लेते हुए दिया गया है। याचिका में कहा गया कि कोविड-19 के साथ अब ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के भी मामले सामने आने लगे हैं। इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे शहरों में इससे बड़ी संख्या में मरीज मर रहे हैं। प्रशासनिक व्यवस्थाएं कम पड़ रही हैं। जिसकी आड़ में अव्यवस्था फैलती जा रही है। चाहे वह चिकित्सा का क्षेत्र हो या फिर नागरिक आपूर्ति जैसा महत्वपूर्ण क्षेत्र, सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स व नर्सेस की कमी, ऑक्सीजन और वेन्टीलेटर्स की कमी, दवाइयों की कमी की आड़ में नकली दवाईयों की सप्लाई जैसी कितनी ही समस्याओं से प्रदेश जूझ रहा है।

तन्खा ने आरोप लगाया है कि प्रशासनिक व्यस्तता की आड़ में मानवता के दुश्मन तैयार हो गए है जिनका उद्देश्य सिर्फ मुनाफा कमाना है। प्रदेश में नकली दवाओं और इंजेक्शन की सप्लाई हो रही है। ऐसे में मानवाधिकार चुप कैसे बैठ सकता है? आज सिर्फ कोरोना और ब्लैक फंगस के मरीज ही नहीं, बल्कि दूसरी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का ख्याल रखना भी आवश्यक है।

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