MP MEDICAL : आयुर्वेदिक यूनानी चिकित्सको को मार्डन मेडिसिन लिखने की मांग, मंत्रियों को सौंपे ज्ञापन

MP MEDICAL : आयुर्वेदिक यूनानी चिकित्सको को मार्डन मेडिसिन लिखने की मांग, मंत्रियों को सौंपे ज्ञापन
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MP MEDICAL : बालाघाट। देश के अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में पंजीकृत आयुर्वेदिक यूनानी चिकित्सको को मार्डन मेडिसिन लिखने एवं उपचार हेतु उपयोग करने की मांग नीमा संगठन बालाघाट ने केबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन एवं आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे का स्वागत कर दिया ज्ञापन सौंपा।

MP MEDICAL : बालाघाट। देश के अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पंजीकृत (Registered) आयुर्वेदिक यूनानी चिकित्सको (Doctors) को मार्डन (Modern) मेडिसिन (Medicine) लिखने एवं उपचार हेतु उपयोग करने की मांग नीमा संगठन बालाघाट ने केबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन एवं आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे का स्वागत कर दिया ज्ञापन सौंपा।

नीमा संगठन के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि प्रदेश के सभी आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सको के द्वारा राष्ट्रीय आयोग भारतीय चिकित्सा प्रणाली एवं भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद नई दिल्ली द्वारा जारी का 4 वर्ष और 6 माह का चिकित्सकीय पाठयक्रम (सिलेबस ) पढा जाता है जिसमे आयुर्वेदिक यूनानी के साथ साथ सभी विषयों का मार्डन भी पढाया जाता है और 1 वर्ष की इंटर्नशिप की जाती है जिसमे उन चिकित्सको से आयुर्वेदिक यूनानी चिकित्सालयों के साथ साथ जिला चिकित्सालयों में भी ट्रेनिंग कराई जाती है|

आधुनिक उपचार की अनुमति की मांग

नीमा संगठन बालाघाट के पदाधिकारीयो ने बताया कि देश के अन्य राज्य छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा राज्यों के सामान मध्यप्रदेश आयुर्वेदिक ,यूनानी एवं प्रकृतिक चिकित्सा बोर्ड भोपाल में पंजीकृत आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सको को मार्डन मेडिसिन लिखने मार्डन मेडिसिन लिखने एवं उपचार हेतु अनुमति देने का ज्ञापन सौपा | पदाधिकारियों ने बताया कि वर्तमान समय में देश के छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, असम, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों के सामान मध्यप्रदेश आयुर्वेदिक ,यूनानी एवं प्रकृतिक चिकित्सा बोर्ड भोपाल में पंजीकृत आयुर्वेदिक चिकित्सको को मार्डन मेडिसिन लिखने एवं उपचार हेतु उपयोग की अनुमति प्रदान की जाना चाहिए |

बता दें कि मध्यप्रदेश शासन के अनुसार प्रदेश के शासकीय संस्थाओ में पदस्थ आयुर्वेदिक यूनानी चिकित्सको के द्वारा मार्डन (एलोपेथिक) चिकित्सा का उपयोग कर मरीजो को उपचार किया जा सकता है परन्तु निजी आयुर्वेदिक चिकित्सको के द्वारा मार्डन (एलोपेथिक) चिकित्सा का उपयोग नहीं किया जा सकता है यह प्रदेश सरकार के द्वारा प्रदेश के सभी निजी आयुर्वेदिक यूनानी चिकित्सको के समानता के अधिकारों का हनन है क्योकि मध्यप्रदेश के शासकिय एवं निजी सभी आयुर्वेदिक चिकित्सक राष्ट्रीय आयोग भारतीय चिकित्सा प्रणाली एवं भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद नई दिल्ली के द्वारा जारी पाठयक्रम (सिलेबस ) एवं मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों से डिग्री प्राप्त की है।

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