MP NEWS : जजों की सराहनीय पहल, जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई और इलाज के लिए हर महीने देगें खर्च

MP NEWS : जजों की सराहनीय पहल, जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई और इलाज के लिए हर महीने देगें खर्च
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MP NEWS : जबलपुर। मप्र के चीफ जस्टिस सहित सभी 33 जजों ने समाजसेवा के लिए बड़ी सराहनीय पहल की है। इन्होंने फैसला लिया है कि हर माह अपने वेतन से पांच-पांच हजार रुपए देंगे। यह राशि जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई और इलाज पर खर्च किए जाएंगे।

MP NEWS : जबलपुर। मप्र (Madhay Pradesh) के चीफ जस्टिस (Chief Justice) सहित सभी 33 जजों (Judges) ने समाजसेवा (Social Service) के लिए बड़ी सराहनीय पहल (Appreciate) की है। इन्होंने फैसला लिया है कि हर माह अपने वेतन से पांच-पांच हजार रुपए देंगे। यह राशि जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई और इलाज पर खर्च किए जाएंगे। हर महीने 33 जज के वेतन से एक लाख 65 हजार रुपए जमा होंगे यानि साल भर में 19 लाख 80 हजार रुपए का योगदान बच्चों के हित में होगा।

संस्था गठित

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने यह अनूठी पहल की है। जस्टिस मलिमठ समेत हाई कोर्ट के सभी जज अपने वेतन से 5-5 हजार रुपए दान देंगे। यह पैसा जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई, इलाज के साथ ही कमजोर वर्ग के लोगों के इलाज और अन्य तरह की जरूरतों में खर्च किया जाएगा। जज इसी माह के वेतन में से यह पैसा देंगे। इस पहल के लिए बाकायदा एक संस्था भी गठित की गई है, जिसके बैनर तले समाज के कमजोर वर्ग को आर्थिक मदद की जाएगी। इंदौर खंडपीठ में फिलहाल 8 जज हैं। इंदौर खंडपीठ से कुल 40 हजार रुपए का सहयोग किया जाएगा।

समाजहित में काम

अधिवक्ता आनंद अग्रवाल और प्रवीण रावल के मुताबिक अदालतों द्वारा अभी तक कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ्त में न्याय दिलाने की व्यवस्था की जाती रही है। अब पढ़ाई, इलाज और अन्य काम के लिए भी मदद की जाएगी। हाई कोर्ट और जिला कोर्ट में लीगल सर्विस अथॉरिटी के माध्यम से ऐसे लोग, जो अपने मामलों के लिए निजी रूप से वकील नहीं ले सकते, उन्हें वकील उपलब्ध कराया जाता है। वहीं, कोर्ट के द्वारा मध्यस्थता के माध्यम से भी प्रकरण निपटाए जा रहे हैं। हाई कोर्ट द्वारा सामाजिक इंजीनियरिंग भी की जा रही है। समाज के प्रमुख लोगों को आपसी झगड़े निपटाने के लिए बाकायदा ट्रेनिंग दी जा रही है। समाज के प्रमुख लोग समाजजन के विवाद कोर्ट के बजाय समाज के बीच ही बैठकर खत्म करा रहे हैं। 25 से ज्यादा समाज के लोगों को इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पति-पत्नी का विवाद, समाजजन के आपसी कहासुनी के मामले, अन्य तरह के विवाद समाज के बीच ही बैठकर खत्म किए जा रहे हैं।

हो रहे नवाचार

चीफ जस्टिस द्वारा कोर्ट 10:15 बजे शुरू किए जाने से लेकर रिट अपील का निराकरण तेजी से किए जाने को लेकर नवाचार किया गया है। इसी का परिणाम है कि प्रिंसिपल बेंच जबलपुर के अलावा ग्वालियर और इंदौर खंडपीठ में रिट अपील का निराकरण तेजी से होने लगा है। बुधवार-गुरुवार के अलावा और भी अपीलों की सुनवाई तेजी से की जा रही है। अब चीफ जस्टिस द्वारा समाजसेवा के लिए वेतन से सहयोग किए जाने की पहल की गई है।

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