MP News : जीएसडीपी में हेरफेर कर लिया कर्ज, प्रदेश को गरीबी की गर्त में धकेला: कांग्रेस

MP News : जीएसडीपी में हेरफेर कर लिया कर्ज, प्रदेश को गरीबी की गर्त में धकेला: कांग्रेस
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कांग्रेस ने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर विकास दर यानि ग्रोथ रेट के आंकड़ों में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है।

भोपाल। कांग्रेस ने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर विकास दर यानि ग्रोथ रेट के आंकड़ों में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की हेड और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा। सुप्रिया ने कहा कि शिवराज ने विकास दर में लगभग दो-ढ़ाई लाख करोड़ का घोटाला किया है।

सरकार ने प्रदेश की विकास दर को ज्यादा दिखाया है जिसकी वजह से सरकार को ज्यादा ऋण मिल सका। केंद्र सरकार के नीति आयोग कि रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश के लगभग 35% लोग अभी भी गरीबी रेखा के नीचे आते हैं। एमपी में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार 5 वर्ष से कम आयु के 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं।

विकास दर किसके लिये और कहां बढ़ रही

वहीं उज्ज्वला योजना गैस कनेक्शन केवल उन लोगों को दिए गए है, जो गरीबी की रेखा के नीचे रहते हैं और ऐसे परिवारों की संख्या 82 लाख है। कृषि मंत्रालय की संसदीय समिति बताती है कि मध्यप्रदेश में किसान 55 रुपया प्रतिदिन कमाता है। जिसका मतलब है कि शिवराज ने प्रदेश को गरीबी की गर्त में धकेल दिया गया है, तो फिर आखिर यह विकास दर किसके लिये और कहां बढ़ रही है!

विकास दर में फर्जीवाड़े के दिए सबूत

सुप्रिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मप्र सरकार के विकास दर में किए गए फर्ज़ीवाड़े के 4 प्रमाण रखते हुए कुछ आंकड़े भी शेयर किए। उनका कहना था कि मध्यप्रदेश में औसत छह वर्षों के बाद राज्य सकल घरेलू उत्पाद दोगुना हो जाता है। जिसके हिसाब से 2017-2018 वित्तीय वर्ष के छह वर्ष बाद प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद मतलब जीएसडीपी लगभग 14.52 लाख करोड़ रुपए होना था लेकिन सरकार द्वारा ये 50,000 करोड़ से भी ज्यादा और लगभग 15 लाख करोड़ के पार बताया जा रहा है। एमपी की विकास दर के साथ साथ सुप्रिया ने राजस्व ग्रोथ और कर्ज के बारे भी की बात की।

भ्रष्टाचार करके सारा पैसा उड़ा दिया

उन्होंने आरोप लगाए हैं कि शिवराज सरकार ने प्रदेश के लिए भारी कर्ज लिया और उसमें भ्रष्टाचार करके सारा पैसा उड़ा दिया। जारी किए आंकड़ों में ये सामने आता है कि मध्यप्रदेश में पैदा होने वाले प्रत्येक बच्चे पर 40,000 रुपए का कर्ज़ थोपा जा रहा है। प्रदेश पर ऋण एवं अन्य दायित्वों 2023-24 के बजट में 422009.37 करोड़ रुपए हो गया है। यानि प्रदेश के प्रति व्यक्ति पर लगभग 40,000 रुपए का कर्ज है।

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