MP News : मंत्री की नोटशीट का नहीं हुआ असर, सरकार ने आनंद विभाग की जगह मूल महिला एवं बाल विकास भेजा

भोपाल। मप्र में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो जाने के बाद मंत्रियों के स्टाफ में पदस्थ शासकीय सेवकों को वापस उनके मूल विभाग में भेज दिया गया। किंतु कुछ मामले ऐसे भी आए हैं, जिसमें मंत्रियों ने अपने ओएसडी काे मूल विभाग में भेजने के बजाय शासन के किसी ऐसे विभाग में पदस्थ करने की सिफारिश की, जिसमें उनके पास अच्छा खासा ओहदा हो, हालांकि शासन ने उनकी नहीं सुनी और मूल विभाग में वापस कर दिया। मप्र सरकार में संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धमस्व मंत्री उषा सिंह ठाकुर ने अपने ओएसडी रहे प्रवीण कुमार गंगराड़े के लिए एक नोटशीट लिखी, चूंकि ओएसडी के पद पर पदस्थ रहे गंगराडे आनंद विभाग से ही उनके पास आए हुए थे, इसलिए उन्हें दोबारा से मूल विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग में भेजने के बजाय आनंद विभाग में निदेशक बना दिया जाए।
तीन साल तक मंत्री का देखा काम
मूलत: महिला एवं बाल विकास विभाग में संयुक्त संचालक के पद पर पदस्थ हैं। बताते हैं कि उन्होंने इसके लिए बाकायदे मंत्री से नोटशीट लिखवाई और शासन को भेज दी। मंत्री ठाकुर की नोटशीट का असर यह हुआ कि सामान्य प्रशासन विभाग ने तत्काल गंगराड़े को मूल विभाग में ही भेज दिया। दरअसल, ओएसडी गंगराड़े पहले आनंद विभाग में निदेशक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ थे। ठाकुर के चुनाव जीतने के बाद उनके ओएसडी बनकर आए। तीन साल तक उन्होंने मंत्री का कामकाज संभाला।
नोटशीट के बाद भी सुनवाई नहीं हुई
इसके बाद फिर से आनंद विभाग में निदेशक बनने की इच्छा जताई। सूत्रों ने बताया कि ओएसडी की सिफारिश के लिए 25 सितंबर को संस्कृति मंत्री ठाकुर ने मुख्यमंत्री को बाकायदा नोटशीट लिखकर अनुरोध किया। उन्होंने आग्रह करते हुए लिखा कि गंगराड़े ओएसडी को पुनः राज्य आनंद संस्थान में निदेशक के पद पर पदस्थ किया जाए। उन्होंने लिखा कि निदेशक राज्य आनंद संस्थान के साथ-साथ अतिरिक्त रूप से निजी स्थापना में विशेष सहायक का कार्य भी देखते रहेंगे। संस्कृति मंत्री की इस नोटशीट का कोई असर नहीं हुआ, बल्कि इसकी कीमत गंगराड़े को चुकानी पड़ी। सामान्य प्रशासन विभाग में प्रवीण कुमार गंगराड़े को मूल विभाग महिला एवं बाल विकास में भेज दिया। आचार संहिता लागू होने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग किसी उलझन में नहीं फंसना चाहता था।यही कारण है कि मंत्री की नोटशीट के बाद भी सुनवाई नहीं हुई।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS