MP News : ‘एक लाख’ जनसंख्या से अधिक आबादी वाले शहरों में इस तरह होगा विकास

भोपाल। मध्यप्रदेश में अभी तक नगरोदय से संबंधित 413 में 381 नगरों में विकास से संबंधित कई कार्यक्रम संपन्न हो चुके हैं। जिससे न केवल विकास कार्यों में काफी तेजी आई है बल्कि यह विकास कार्य धरातल पर दिखने लगे हैं और इन विकास कार्य के साथ ही सुविधाएं भी बढ़ गईं हैं, जिसका लाभ आम जनता को मिलने लगा है। मध्य प्रदेश में नगरोदय के तहत ही पचास हजार से ज्यादा आबादी वाले शहरों का मास्टर प्लान तैयार हो चुका है। इस पर भी काम काफी तेजी से चल रहा है और शहर में चल रहे विकास कार्य भी दिखने लगे हैं। इसके तहत ही पूरे प्रदेश के एक लाख जनसंख्या से अधिक आबादी वाले 33 में से 31 शहरों की जीआईएस आधारित विकास योजनाएं तैयार हो चुकी हैं। शिवराज सरकार के द्वारा भी इन योजनाओं को मंजूरी भी मिल चुकी है। इससे प्रदेश के सभी शहरों को विकसित होने का पूरा मौका मिला है और विकसित भी हो रहे हैं।
मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर के 98 फीसदी से ज्यादा काम पूरे
प्रदेश में विकास किस तेजी से हो रहा है, इसका ही परिणाम है कि भोपाल तथा इंदौर में मेट्रो रेल का काम काफी तेजी से किया जा रहा है। देश में मेट्रो का सबसे तेजी से काम मध्य प्रदेश में ही हो रहा है। इन दोनों शहरों में ही मेट्रो रेल के कॉरिडोर पर सितंबर माह के अंत तक ट्रायल रन होने की पूरी संभावना है। इन दोनों महानगरों में मेट्रो रेल के प्रायोरिटी कॉरिडोर के 98 फीसदी से ज्यादा काम पूरे हो चुके हैं। इस कॉरिडोर के सभी स्टेशन बनकर तैयार हो गए हैं।
नए शहरों के रूप में विकास
प्रदेश में नए शहरों के रूप में भी काफी कार्य किए जा रहे हैं। इसी के तहत जबलपुर एक्सटेंशन और पीथमपुर 4 का नए शहरों के रूप में विकास किया जा रहा है। इसके लिए भी निर्माण कार्य शुरू हो रहे हैं। इससे रोजगार के अवसर और सुंदरता के साथ अवसर बढ़ेंगे। मध्य प्रदेश में नगरोदय के तहत ही अर्बन प्लानिंग एवं गवर्नेंस से संबंधित विषयों पर क्षमतावर्धन के लिए सुंदरलाल पटवा राष्ट्रीय नगरीय प्रबंधन संस्थान स्थापित किया गया है। नगरोदय के तहत ही छतरपुर को नगर निगम बनाने का निर्णय लिया गया है। छतरपुर के विकास के लिए निगम का बनना जरूरी था और इसके बनने से आसपास के सभी क्षेत्र विकसित होने के साथ ही मुख्यधारा से यह जुड़ेगा। कांग्रेस शासनकाल में यह क्षेत्र सबसे ज्यादा पिछड़ा था और शिवराज सरकार के आने के बाद से यहां विकास की नई इबारत लिखी गई और आज पूरे क्षेत्र में विकास की गंगा बह रही है।
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