MP Political News : कमलनाथ और नकुलनाथ मिलकर कांग्रेस में कुछ अलग ही खिचड़ी पका रहे हैं: शर्मा

भोपाल। कांग्रेस परिवारवाद की गारंटी है, यह तो सुना था। लेकिन ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब किसी नेता के बेटे ने ही टिकट बांट दिए हों। मप्र में कमलनाथ कांग्रेस ने यह अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। कांग्रेस पार्टी द्वारा अधिकृत उम्मीदवारों की घोषणा किए जाने से पहले ही जिस तरह से नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में टिकट बांटे हैं, उससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जनता के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या नकुलनाथ गांधी परिवार, मल्लिकार्जुन खरगे और सीडब्लूसी से भी ऊपर हो गए हैं? यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा कही।
कांग्रेस में कुछ अलग ही खिचड़ी पका रहे हैं
ने कहा कि मंगलवार सुबह कमलनाथ पार्टी का वचन पत्र जारी कर रहे थे और शाम तक उनके बेटे ने उम्मीदवार घोषित कर दिए। कमलनाथ इधर दिग्विजय सिंह के कपड़े फटवाते रहे और उधर बेटे से टिकट बंटवाते रहे। इससे हर किसी के मन में यह संदेह पैदा होना स्वाभाविक है कि या तो नकुलनाथ टिकट ब्लैकिया बन गए हैं, या फिर कमलनाथ और नकुलनाथ मिलकर कांग्रेस में कुछ अलग ही खिचड़ी पका रहे हैं।
भ्रष्टाचार की ’पॉवर ऑफ अटार्नी’ आप ने किसे दे रखी है
गालियों की ’पॉवर ऑफ अटार्नी’ दिग्विजय सिंह को प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि पीसीसी में जब मंगलवार को कपड़ा फाड़ू एपीसोड चल रहा था, तब कमलनाथ ने कहा था कि उन्होंने अपनी तरफ से गालियां खाने की ’पॉवर ऑफ अटार्नी’ दिग्विजय सिंह को दे रखी है। कमलनाथ जी, ये भी बताएं कि भ्रष्टाचार की ’पॉवर ऑफ अटार्नी’ किस के पास है? शर्मा ने कहा कि 15 महीने की कांग्रेस सरकार ने वल्लभ भवन को लूट का अड्डा बना दिया था। उस समय मुख्यमंत्री कमलनाथ के पीए के घर पर जब छापा पड़ा था, तो करोड़ों की संपत्ति मिली थी। शर्मा ने कहा प्रदेश की जनता कमलनाथ से यह जानना चाहती है कि इस भ्रष्टाचार की ’पॉवर ऑफ अटार्नी’ आप ने किसे दे रखी है?
तो फिर दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह का क्या होगा?
शर्मा ने कहा कि पहले कांग्रेस पार्टी द्वारा कहा गया था कि सर्वे और जमीनी कार्यकर्ताओं के आंकलन के आधार पर ही टिकट दिए जाएंगे। लेकिन नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में जो खेल खेला है, उससे साबित हो गया है कि कोई सर्वे नहीं, कांग्रेस में नकुलनाथ ही सर्वे-सर्वा बन गए हैं। पार्टी नेतृत्व को दरकिनार करते हुए जिस तरह से नकुलनाथ ने टिकट बांटे हैं, उससे ऐसा लगता है कि अब कांग्रेस के नए नाथ नकुलनाथ ही हैं। अगर ऐसा है, तो फिर दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह का क्या होगा? ऐसे समय में जबकि दिल्ली में बैठी कांग्रेस फेल होती जा रही है, नकुलनाथ की नकेल कौन कसेगा?
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