MP Politics : दिग्विजय सिंह का शिवराज सरकार पर तंज , ट्विट कर लिखा “ मामा तो गयो ”

MP Politics : दिग्विजय सिंह का शिवराज सरकार पर तंज , ट्विट कर लिखा  “ मामा तो गयो ”
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर निशाना साधा है और रेवड़ियाँ बांटने का आरोप लगाते हुए कहा है कि शिवराज सरकार के पास काम करने के लिए तो पूरे बीस साल थे। अपने कर्मों की उपलब्धि लेकर चुनाव में जाते। वोट के लिए टैक्सपेयर्स के नोट बाँटने की ज़रूरत न पड़ती।

भोपाल। मध्य प्रदेश ( mp news ) में इस वर्ष विधानसभा चुनाव ( MP ELECTION) होने है । इसको लेकर कांग्रेस ( MP CONGRESS ) और भाजपा ( MP BJP ) दोनों ही एक दूसरे पर हमलावर चल रही है । एक तरफ जहां कांग्रेस के द्वारा लगातार भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार को सामने लाया जा रहा है तो भाजपा के द्वारा भूतकाल में रही कांग्रेस की सरकारों की विफलताओं को गिनाया जा रहा है ।

इसी क्रम में अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ( Digvijay Singh ) ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर निशाना साधा है और रेवड़ियाँ बांटने का आरोप लगाते हुए कहा है कि शिवराज सरकार के पास काम करने के लिए तो पूरे बीस साल थे। अपने कर्मों की उपलब्धि लेकर चुनाव में जाते। वोट के लिए टैक्सपेयर्स के नोट बाँटने की ज़रूरत न पड़ती।

ट्विट कर भाजपा सरकार को घेरा

दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट कर भाजपा सरकार को घेरा है इस ट्विट मे पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है कि चुनाव से 100 दिन पहले शिवराज के नेत्र खुले। पहले लाड़ली बहना की याद आयी फिर लाड़ली भांजे-भांजियों की। फिर बंटने लगी रेवड़ियाँ। (रेवड़ियों का मोदी जी विरोध करते हैं, पर प्रदेशों में उसपर ही अमल करते हैं)। कहते कुछ हैं करते कुछ हैं।

अपने कर्मों की उपलब्धि लेकर चुनाव में जाते

इसके साथ ही 20 साल मे काम नही करने का आरोप लगाते हुए दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि काम करने के लिए तो पूरे बीस साल थे। अपने कर्मों की उपलब्धि लेकर चुनाव में जाते। वोट के लिए टैक्सपेयर्स के नोट बाँटने की ज़रूरत न पड़ती।

साथ ही दिग्विजय सिंह ने ट्विट मे कांग्रेस और भाजपा का फर्क भी बताया और लिखा कि कांग्रेस व भाजपा में एक फर्क है। कांग्रेस सत्ता मिलते ही वादे निभाती है वादे पूरे करती है। मैंने 93 में किया कमलनाथ ने 2018 में किया। शिवराज को अब ग़रीबों की बेरोज़गारों की महिलाओं की याद आ रही है जब चुनाव में 100 दिन बचे हैं। क़र्ज़ ले ले कर रेवड़ियाँ बाँट रहे हैं। क्योंकि उन्हें मालूम है सरकार उनकी नहीं बन रही है। यह उनके आत्म विश्वास की कमी दर्शाता है। कुछ भी कर लो। “मामा तो गयो।”


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