प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार देने के मामले में मप्र तीसरे स्थान पर पहुंचा

भोपाल। कौशल विकास केंद्र के संचालक जितेन्द्र सिंह राजे ने बताया कि 4 अक्टूबर को राष्ट्रीय अप्रेन्टिसशिप मेला स्किल इंडिया, प्रशिक्षण महानिदेशालय और नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। इसके तहत देश भर में लगभग 600 से अधिक स्थानों पर अप्रेन्टिसशिप मेला आयोजित किया गया। इसमें लगभग 50 हजार 878 आवेदकों का चयन हुआ है। प्रदेश में अप्रेन्टिसशिप मेले में आईटीआई (इंजीनियरिंग, नॉन इंजीनियरिंग ट्रेड) डिप्लोमा, कौशल प्रमाण-पत्र (पीएमकेवाय,डीडीयूजीकेयू, एमएमकेएसवाय, वाएसवाय) धारक और अन्य स्नातक उत्तीर्ण 10 हजार 957 पुरुष एवं महिला अभ्यार्थी शामिल हुए थे। मेले में रीवा संभाग से 993, भोपाल से 895, इंदौर से 658, जबलपुर से 597, ग्वालियर से 533, उज्जैन से 437, बालाघाट से 239 और सागर संभाग से 234 कुल 4,586 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। उन्होंने बताया कि अप्रेन्टिसशिप मेले के दौरान युवाओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। बदलते बाजार परिदृश्य और उद्योगो के नए स्वरूप के लिए युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के लिए अप्रेन्टिसशिप एक महत्वपूर्ण घटक है।
युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने का लक्ष्य
कौशल विकास और उद्यमियता की राष्ट्रीय नीति 2015 के तहत अप्रेन्टिसशिप को कुशल कार्यबल को लाभकारी रोजगार प्रदान करने के साधन के रूप में मान्यता दी गई है। इसका उद्देश्य कुशल कार्यबल के लिए आपूर्ति और मॉग में अंतर को कम करना और मौके पर प्रशिक्षण एवं भर्ती के माध्यम से बेहतर सुनिश्चित करते हुए युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करना है। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश के प्रशिक्षत युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले। मप्र ने दक्षिण के कर्नाटक व तेलंगाना की तर्ज पर युवाओं को रोजगार देना शुरू किया है। यह प्रदेश के युवाओं के लिए अच्छे संकेत हैं।
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