MP School News : कागजों में सिमटी ऑनलाइन एप हाजिरी 99,145 में से मात्र 8,077 स्कूल ही सक्रिय

MP School News : कागजों में सिमटी ऑनलाइन एप हाजिरी  99,145 में से मात्र 8,077 स्कूल ही सक्रिय
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प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने और शिक्षक-विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक साल पहले ऑनलाइन एप के माध्यम से हाजिरी दर्ज कराने की व्यवस्था लागू की थी

भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने और शिक्षक-विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक साल पहले ऑनलाइन एप के माध्यम से हाजिरी दर्ज कराने की व्यवस्था लागू की थी, लेकिन यह व्यवस्था कागजों में ही सिमट कर रह गई। हालात यह है कि प्रदेश के मात्र 8,077 स्कूल ही इस हाजिरी एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। जबकि प्रदेश में 99,145 सरकारी स्कूल है। यानि 91,068 स्कूल इस व्यवस्था का पालन ही नहीं कर रहे हैं।

स्कूल स्तर पर इसका पालन

दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 7 अक्टूबर 2022 को ऑनलाइन एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने व्यवस्था लागू करने के संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर को आदेश जारी किए गए थे। जारी आदेश में कहा गया था कि शैक्षणिक गुणवत्ता में उपलब्धि के लिए आवश्यक है कि बच्चे शाला में नियमित रूप से उपस्थित हों।इस व्यवस्था को लागू करने के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य, जिला एवं विकासखंड स्तर पर इसकी दैनिक मॉनिटरिंग की बात कही थी, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते न तो इसकी मॉनिटरिंग हो रही है और न ही स्कूल स्तर पर इसका पालन।

ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम नाम दिया

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस व्यवस्था को ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम नाम दिया गया था। इसके लिए मोबाइल एप भी तैयार किया गया है। विभाग द्वारा बकायदा शिक्षकों को टेबलेट भी दिए गए हैं। एम शिक्षा मित्र एप को प्लेस्टोर से डाउनलोड कर हाजरी मॉड्यूल के माध्यम से स्कूल के प्राचार्य, प्रधानाध्यापक व संस्था प्रभारी विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में सामन्यतः मोबाइल नेटवर्क की समस्या होती है। ऐसे में इस एप को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह ऑफलाइन भी उपयोग किया जा सकता है। यूजर नेटवर्क एरिया में आने पर डेटा स्वतः अपलोड हो जाएगा। खास बात यह भी है कि शिक्षक और बच्चों की उपस्थिति शाला प्रारंभ होने के एक घंटे के अंदर दर्ज की जा सकेगी, लेकिन यह व्यवस्था फेल होती दिखाई दे रही है।

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