MP Weather Update : धुआंधार बारिश से सड़कें, नाले फुल, तीन दिन तेज बारिश का अलर्ट

भोपाल। रविवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने भोपाल में भी तेज गर्जना, धुआंधार बारिश के साथ आमद दे दी है। भोपाल में तेज बारिश के बीच शाम 6 बजे शहर में बिजिविलिटी 50 मीटर यानि शून्य के करीब पहुंच गई। यह संयोग है कि 3 साल बाद प्रदेश में 24 जून को एंट्री के लेने के बाद 24 घंटे में ही भोपाल सहित पूरे प्रदेश में मानसून एक्टिव हो गया है। इससे पहले मानसून 24 जून 2019 को प्रदेश में आमद देने के बाद बंगाल की खाड़ी में एक साइक्लोन बनने से प्रदेशभर में 24 घंटे में ही सक्रिय हो गया था। भोपाल, जबलपुर, सिवनी, शहडोल सहित कई जिलों में तेज गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश का दौर शुरू हुआ है।
कुछ इलाकों में पानी भरने की सूचना
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के अनुसार मानसून ने भोपाल सहित पूरे प्रदेश को 24 घंटे में ही कवर कर लिया है। अगले 3 से चार दिन भोपाल सहित ज्यादातर जिलों में तेज से भारी बारिश का सिलसिला चलेगा। उज्जैन में तेज बारिश से एक युवक पानी में बहने की सूचना है। जबलपुर 22, गुना 16, खजुराहो 9, रायसेन 5 मिमी, मलाजखंड, शिवपुरी, मंडला, सागर, ग्वालियर सहित एक दर्जन से अधिक जिलों में तेज बारिश हुई। भोपाल के होशंगाबाद रोड, गांधी नगर इलाके में दो स्थानों पर पेड़ पर बिजली गिरने से पेड़ की डालियां टूट गईं। शहर में शाम करीब एक घंटे की बारिश में ही सड़कें फुल और नालियां फुल हो गईं। वहीं, कुछ इलाकों में पानी भरने की सूचना है।
इसलिए मानसून ने दिखाई फुर्ती
शुक्ला के अनुसार जब मानसून करंट स्ट्रांग होता है। साथ ही खाड़ी में साइक्लोन बना होता है तो मानसून प्रदेश में बहुत जल्द सक्रिय होता है। ऐसा तीन साल पहले भी हो चुका है, जब साइक्लोन बनने के बाद मानसून ने बालाघाट से ही आमद देकर पूरे प्रदेश को 24 घंटे में कवर कर लिया था।
प्रदेश में इसलिए होगी तेज बारिश
शुक्ला के अनुसार अभी एक कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे उत्तरी ओडिशा, पश्चिम बंगाल के क्षेत्र में बना हुआ है। यह हवा के ऊपरी भाग में 7.6 किमी में ऊंचाई तक है, जो अगले 2 दिन में और आगे बढ़ेगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मध्य भाग में 1.5 किमी की ऊंचाई तक हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना है। वहीं, एक ट्रफ लाइन उत्तरी पंजाब से पूर्वी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ से होती हुई गुजर रही है। उत्तर पूर्वी अरब सागर एवं उसे लगे गुजरात में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात 3.1 से 5.8 किमी की ऊंचाई पर बना हुआ है। साथ ही महाराष्ट्र से केरला तक एक और द्रोणिका बनी हुई है। इससे भोपाल सहित पूरे प्रदेश में बारिश का सिलसिला अभी और तेज होगा।
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