MPPSC Result : सोशल मीडिया से 5 साल बनाई दूरी, मैंस एग्जाम में रखा फोकस

MPPSC Result : सोशल मीडिया से 5 साल बनाई दूरी, मैंस एग्जाम में रखा फोकस
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मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने साल 2020 का फाइनल रिजल्ट शुक्रवार देर रात जारी कर दिया। एमपीपीएससी 2020 में 214 सफल उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है। इसमें 221 पदों के लिए चयन सूची जारी की गई।परीक्षा में 993 अंक हासिल कर मुरैना जिले के अजय गुप्ता ने टॉप किया है।

भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने साल 2020 का फाइनल रिजल्ट शुक्रवार देर रात जारी कर दिया। एमपीपीएससी 2020 में 214 सफल उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है। इसमें 221 पदों के लिए चयन सूची जारी की गई।परीक्षा में 993 अंक हासिल कर मुरैना जिले के अजय गुप्ता ने टॉप किया है। दूसरे स्थान पर 924 अंकों के साथ निधि भारद्वाज रहीं, जो मूलत भोपाल की रहने वाली हैं, लेकिन वर्ष 2016 से सिविल सर्विस प्रिपरेशन के लिए इंदौर में रह रही हैं। जबकि तीसरे स्थान पर सिमी यादव है, उनके 923 अंक आए हैं।

टॉपिक समझकर उससे जुड़े आंसर लिखता था

नायब तहसीलदार की पोस्ट पर चयनित हुए भोपाल के विक्रम राजपूत का कहना है कि मैंने साल 2017 से एमपीपीएससी की तैयारी शुरू की थी और उसके बाद मेरा 2019 में भी सिलेक्शन हो गया था, जिसका इंटरव्यू बाकी है और अब 2020 में फाइनली मेरा सिलेक्शन हुआ है और मेरे 786 नंबर आए हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग शुरुआत से ही मेन फोकस मैंस एग्जाम को लेकर करते हैं, क्योंकि उसमें आपकी राइटिंग स्किल को परखा जाता है और इसमें तीन नंबर, पांच नंबर के जैसे आॅब्जेक्टिव टाइप के क्वेश्चन पूछे जाते हैं तो हमारी कोशिश होती है उन्हीं पर फोकस करने की, इसके लिए मैंने अपने ही नोट्स बनाएं। बुक से पढ़ाई की और ज्यादा से ज्यादा राइटिंग स्किल पर ध्यान दिया। टॉपिक को गहराई से समझता था और उसी से जुड़े हुए आंसर लिखता था।

बड़ी बहन की गाइडलाइन की वजह से मिली बड़ी सफलता

महिला वर्ग में टॉप करने वाली इंदौर की निधि भारद्वाज दूसरे स्थान पर रहीं। निधि भारद्वाज 924 अंकों के साथ दूसरे नंबर रहीं, उन्होंने बताया कि वे 2016 से ही सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रहीं और लक्ष्य के प्रति पूरी ईमानदारी के साथ में डटी रहीं, इसी बात का नतीजा है कि परीक्षा में सफलता मिली, निधि ने कहा कि मेरे पापा आर्मी में सूबेदार मेजर हैं, वो सहारनपुर में पदस्थ हैं और मां हाउस वाइफ हैं। निधि कहती हैं कि उनकी तीन बहने हैं, बड़ी बहन भी पीएससी की तैयारी कर रही हैं, जिनकी वजह से निधि को पीएससी करने का मोटिवेशन मिला, वहीं उनकी छोटी बहन का लॉ कम्पलीट हुआ है। निधि ने कहा मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और खासतौर से अपनी बड़ी बहन को देना चाहूंगी, उन्हीं की गाइडलाइन्स की वजह से मुझे ये बड़ी सफलता मिली है। निधि का कहना है कि ये मेरा दूसरा अटेम्ट था, मैंने 2016 में इंजीनियरिंग कम्पलीट की थी और पुणे की आॅटोमोबाइल कंपनी में काम शुरू कर दिया था, लेकिन, कोविड के समय नौकरी छोड़कर तैयारी में लग गई।

तीनों ही बार चयन, डीएसपी से अब बनूंगा डिप्टी कलेक्टर

इस परीक्षा में पहले स्थान पर आए अजय गुप्ता अभी सतना में डीएसपी के पद पर तैनात हैं। उन्होंने 1575 अंकों में से 939 अंक लाकर टॉप किया है, अब वे डीएसपी से डिप्टी कलेक्टर बनेंगे, अजय ने तीसरे प्रयास में यह परीक्षा टॉप की है। उनके पिता चंद्र प्रकाश गुप्ता शिक्षक हैं, तथा मां पुष्पा देवी गृहणी हैं। अजय कहते हैं कि मैं तीन बार पीएससी की परीक्षा दे चुका हूं, जिसमें तीनों ही बार सफलता हासिल की है। पहली बार ट्रेजरी ऑफिसर बना, इसके बाद 2017 में डीएसपी पद के लिए चयन हुआ। अब पीएससी 2020 की परीक्षा में टॉप कर डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुआ हूं। उन्होंने बताया मैंने 12वीं तक पढ़ाई मुरैना के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय से की। इंजीनियरिंग से की। जहां कैंपस सिलेक्शन के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में इंफोसिस कंपनी में सेवाएं दी। लेकिन मेरी इच्छा प्रशासनिक सेवा में जाने की थी। जिस पर मैंने एसएससी की परीक्षा दी। जिसमें दिल्ली सचिवालय में सेक्शन ऑफिसर के रूप में काम किया। मुझे फील्ड में सेवाएं देनी थीं, इसलिए मैंने पीएससी को चुना और ट्रेजरी ऑफिसर बना, फिर डीएसपी और अब डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयन हुआ है।अजय अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार के साथ-साथ अपनी लगन व मेहनत को देते हैं।

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