राजधानी में शराब व्यापारियों को एक दर्जन दुकानें किराए पर देगा नगर निगम

राजधानी में शराब व्यापारियों को एक दर्जन दुकानें किराए पर देगा नगर निगम
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राजधानी में आबकारी विभाग की नई नीति के तहत शहर में आवंटित की जा रहीं शराब दुकानों के स्थान को लेकर कई जगह रहवासियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। रहवासियों के विरोध के बीच नगर निगम ने उन शराब व्यापारियों को अपनी दुकान किराए पर देने का ऑफर दिया है

भोपाल राजधानी में आबकारी विभाग की नई नीति के तहत शहर में आवंटित की जा रहीं शराब दुकानों के स्थान को लेकर कई जगह रहवासियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। रहवासियों के विरोध के बीच नगर निगम ने उन शराब व्यापारियों को अपनी दुकान किराए पर देने का ऑफर दिया है, जिन्हें विरोध के चलते शराब बेचने के लिए जगह नहीं मिल रही है। इस संबंध में हरिभूमि ने सोमवार को नगर निगम के आयुक्त केबीएस चौधरी कोलसानी से खुलकर बातचीत की-

1– क्या नगर निगम शराब व्यापारियों को अपनी दुकानें किराए पर देने जा रहा है

- हां नगर निगम उन स्थानों पर शराब व्यापारियों को दुकानें किराए देने की तैयारी की है, जहां उन्हें जगह नहीं मिल रही और शासन ने स्थान आवंटित कर दिया है

2 – जहां लोग शराब दुकानों का विरोध कर रहे हैं, वहां निगम की दुकानें शराब व्यापारियों को क्यों दी जा रही हैं

-निगम की दुकानें जो शराब व्यापारियों को आवंटित की जाएंगी, वो आबादी के बीच में नहीं है। साथ ही आबकारी विभाग के नियमानुसार ही दुकानों को किराए पर दिया जा रहा है

3 – क्या पूरे शहर में कहीं भी शराब व्यापारियों को निगम की दुकान किराए पर मिल जाएंगी

- ऐसा नहीं है, पूरे शहर में अधिकतम 12 दुकानें शराब व्यापारियों को आवंटित की जाएंगी, जिसमें से 5 दुकानें कमला पार्क, रायल मार्केट, शाहपुरा जैसे स्थानों पर दे चुके हैं, बाकी के लिए प्रक्रिया चल रही है।

4 – जिन शराब व्यापारियों को नगर निगम दुकान दे रहा है, उनसे किराया तो लिया जाएगा या इसमें भी कुछ दूसरा गणित है

- नगर निगम ने यह नियम बना दिया है कि कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार जो किराया वो निजी या सरकारी दुकान का देंगे, उसका दो प्रतिशन नगर निगम को अलग से देना होगा, इसके लिए शासन से अनुमति भी ले ली गई है।

5 – क्या इस कदम से यह नहीं लगता कि निगम गली मोहल्ले में शराब बेचने को बढ़ावा दे रहा है

ऐसा नहीं है, शासन के दिशा निर्देश का पालन करना होता है और उसी के अनुसार दुकानों का आवंटन किया जा रहा है, वो भी अधिकतम संख्या निर्धारित करने के बाद

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