शिक्षक के अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, लूट के इरादे से बदमाशों ने की थी वारदात

भिंड। पुलिस ने दो साल पहले मिहोना थाना इलाके में हुए एक शिक्षक के अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने में सफलता हासिल की है। हत्या करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर मृतक से लूटी गई बाइक, मोबाइल, घड़ी, चैन और पर्स बरामद कर लिया गया। आरोपियों द्वारा पैसों की तंगी के चलते लूट के लिए की गई हत्या का कारण सामने आया है।
दरअसल भिंड जिले के मिहोना थाना अंतर्गत ररी गांव के पास राजघाट की पुलिया के नीचे एक युवक का कुचला हुआ शव दो साल पहले 19 सितंबर 2019 को बरामद हुआ था। शव की शिनाख्त अनिल अग्निहोत्री के रूप में हुई है, जो लहार के वार्ड क्रमांक 2 का रहने वाला था। अनिल पेशे से एक शिक्षक था, जो मिहोना थाना क्षेत्र के श्यामपुरा शासकीय विद्यालय में पदस्थ था। बीते दो सालों से लगातार पुलिस इस हत्या की गुत्थी को सुलझाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन हत्या का कोई भी क्लू पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था। इस वजह से पुलिस लगातार नाकाम होती चली जा रही थी। दो सालों में पुलिस के सामने कई बंद दरवाजे खुले और आखिर वह दरवाजे बंद होते चले गए, लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी और जांच लगातार जारी रखी।
मृतक का मोबाइल आरोपी ले गये थे पुलिस ने मृतक के मोबाइल को सर्विलांस पर डाल रखा था और इसी से आशा थी। कुछ दिन पहले पुलिस को जानकारी मिली कि मृतक का मोबाइल बिलाव गांव के राहुल जाटव के द्वारा मुम्बई में चलया जा रहा है और वह इस समय मुंबई में है तो पुलिस ने राहुल को मुंबई से बुलवाया और उससे पूछताछ की तो उसने बताया घर के पीछे खराब हालत में झाड़ियों में बड़ा मिला था। राहुल से जब कोई सुराग नहीं मिला तो पुलिस ने गांव में आने-जाने वाले पच्चीस लोगों की सूची बनाई तो उसमें एक प्रदीप नाम के युवक का नाम सामने आया जब प्रदीप की तलाश की गई तो पता लगा एक साल पहले उसकी मौत हो गई है, तो एक बार फिर पुलिस के सामने अंधा मोड़ था और तहकीकात एक बार फिर रुक गई लेकिन पुलिस लगातार इस गुत्थी को सुलझाने के लिए प्रयासरत रही, तभी पुलिस को जानकारी मिली कि प्रदीप के जीजा से जानकारी मिल सकती है तो पुलिस ने प्रदीप के जीजा बड़ोखर निवासी राजू से पूछताछ की तो उसने बताया उसका साला प्रदीप और साडू का लड़का कमलेश दोनो दो साल पहले 19 सितंबर 2019 को उसके पास आए थे और बाइक रखी और बताया उन्होंने पैसों के लिए युवक को लूट कर हत्या कर दी है।
इसके बाद राजू और कमलेश को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा कर इस अंधे कत्ल का पर्दाफाश कर दिया है। दो साल चली अंधे कत्ल की जांच में पुलिस के सामने आई अड़चनों के कारण कई बार तहकीकात रुक गई थी। लेकिन पुलिस ने चैलेंज के रूप में लिया और इस केस को हल करने की प्राथमिकता ने आखिरकार मृतक शिक्षक अनिल को न्याय दिला दिया और आरोपियों को सलाखों के पीछे आखिरकार पहुंचा ही दिया।
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