Navratri Durga Ashtami 2023: महाअष्टमी पूजन आज, घरों में होगी महागौरी के स्वरूप की पूजा

Navratri Durga Ashtami 2023: महाअष्टमी पूजन आज, घरों में होगी महागौरी के स्वरूप की पूजा
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भोपाल। राजधानी भोपाल में धूमधाम के साथ शारदीय नवरात्रि पर्व मनाया जा रहा है..साथ ही जगह -जगह मां दुर्गा की झांकियों को सजाया गया है..आज हम भोपाल के माता मंदिर स्थित न्यू 98 क्वार्टर में लगाई गई मां दुर्गा की अनोखी झांकी के बारे में रूबरू करा रहे है,झांकी में भगवान शंकर के पूरे परिवार का स्वरूप दिया गया है,जिसकी थीम शिव-शक्ति आपने परिवार के साथ कैलाश पर्वत पर नंदी और शेर सवार होकर नज़र आ रही है..शिव शक्ति के परिवार को देखने के लिए भक्तों की भीड़ खूब उमड़ रही है,जिसे भक्त प्रतिमा को ख़ूब पसंद कर रहे है,स्थानीय कलाकारों के द्वारा विशेष प्रतिमा बनाई गई है। नवरात्री पर माता के मंदिरों व घरों और झांकियों में पूजा-अर्चना का दौर चल रहा है। रविवार को रवि योग के संयोग में दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी। नवरात्र के आठवें दिन को माता आदि शक्ति के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दौरान घरों में कन्या पूजा व भोजन (भंडारे) का भी आयोजन किया जाएगा। महागौरी को पूर्व जन्म का हुआ था। चामुण्डा दरबार के पुजारी गुरु पं. रामजीवन दुबे ने बताया कि महागौरी को 8 साल की उम्र में ही अपने पूर्व जन्म की घटनाओं का आभास हो गया था। इसलिए उन्होंने 8 साल की उम्र से ही शिव भगवान को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू कर दी थी। इसलिए अष्टमी के दिन महागौरी का पूजन करने का विधान है। श्री दुबे ने बताया कि इस दिन बन रहे संयोग के चलते खरीददारी के लिए शुभ है।

ऐसा है महागौरी का सांसारिक स्वरूप

गुरु पं. रामजीवन दुबे के अनुसार मां महागौरी को शिवा भी कहा जाता है। इसलिए इनके एक हाथ में दुर्गा शक्ति का प्रतीक त्रिशूल है तो दूसरे हाथ में भगवान शिव का प्रतीक डमरू है। अपने सांसारिक रूप में महागौरी उज्ज्वल, कोमल, श्वेत वर्णी तथा श्वेत वस्त्रधारी और चतुर्भुजा हैं। इनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में डमरू है तो तीसरा हाथ वरमुद्रा में हैं और चौथा हाथ एक गृहस्थ महिला की शक्ति को दशार्ता हुआ है। महागौरी को गायन और संगीत बहुत पसंद है। ये सफेद वृषभ यानी बैल पर सवार रहती हैं। इनके समस्त आभूषण आदि भी श्वेत हैं। महागौरी की उपासना से पूर्वसंचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इस दिन मां की पूजा करते समय दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का पाठ व कन्या पूजन, कन्या भोज कराने से से मां प्रसन्न होती हैं।

भक्त नवरात्रि के आठवें दिन ऐसे करें पूजा

भक्त को नवरात्रि के आठवें दिन मां की प्रतिमा अथवा चित्र लेकर उसे लकड़ी की चौकी पर विराजमान करना चाहिए। इसके बाद पंचोपचार कर पुष्पमाला अर्पण कर देसी घी का दीपक तथा धूपबत्ती जलानी चाहिए। मां के आगे प्रसाद निवेदन करने के बाद साधक अपने मन को महागौरी के ध्यान में लीन कर ऊं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै, महागौरी देव्यै नम:।। मंत्र का जाप करना चाहिए। मां चामुण्डा दरबार के पुजारी गुरु पं. रामजीवन दुबे ने बताया कि रविवार को महाअष्टमी पर महाआरती और हवन किया जाएगा।यह सिलसिला सोमवार तक चलेगा। नवमी को कन्या भोज व पंडालों में भंडारे का आयोजन होगा। सोमवार को ही देवी का पाठ परायण, व्रत परायण और ज्वारों का विसर्जन किया जाएगा। इसके साथ ही मंगलवार को दशहरे के दिन चल समारोह व दुर्गा विसर्जन होगा।

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