ईओडब्ल्यू की पूछताछ में नया खुलासा - भोपाल की जमीनों के लिए पीसी सिंह ने बनाया मनोज को बिशप, ईडी परिवार के खिलाफ भी जांच करेगी मनी लांड्रिंग का मामला

भोपाल - चर्च की करोड़ों रुपए की जमीनों का सौदा करने वाले पीसी सिंह से पूछताछ में नया खुलासा हुआ है। सिंह ने भोपाल की चर्च की जमीनों का सौदा करने के लिए करीबी मनोज चरण को बिशप बनाया था। भोपाल की आधा दर्जन से ज्यादा चर्च की जमीनों को बेचने का जिम्मा मनोज को दिया था। वहीं ईडी अब बिशप सिंह के परिवार के खिलाफ भी मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज करने की तैयारी कर रही है। इससे पहले ईओडब्ल्यू ने 4 कारों को जब्त किया था। ईडी संपत्ति को अटैच करने की कवायद में जुट गई है।
पूर्व बिशप पीसी सिंह के मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं। ईओडब्ल्यू की जांच एवं पूछताछ में अब एक और बात निकलकर सामने आई है, जिसमें पता चला है कि पूर्व बिशप पीसी सिंह जब इंदौर में मुख्यालय वाले भोपाल डायोसिस में कमीशरी (इंचार्ज) था। उस समय मनोज चरण पीसी सिंह के संपर्क में आया। दोनों में काफी मेल-मिलाप होने लगा और मनोज चरण भी पीसी सिंह की गुडलिस्ट में शामिल हो गया। इसके बाद बिशप पीसी सिंह ने मनोज चरण को बिशप बनाने की प्रक्रिया शुरू की और उसे भोपाल डायोसिस का बिशप बनाने में कामयाब हो गया। वर्तमान में मनोज चरण भोपाल के बिशप हैं। वह कारें क्राइस्ट चर्च आईसीएससी कोएड स्कूल के पूर्व प्राचार्य नीरज डेविड के नाम पर खरीदी गई थीं। इसके अलावा यह भी पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि पूर्व बिशप पीसी सिंह ने भोपाल डायोसिस में कितनी राशि, कब-कब ट्रांसफर की थी, या कराई थीं। इस सबके पीछे क्या राज था।
ट्रस्ट के नाम पर खरीदी सस्ती संपत्ति
- ईओडब्ल्यू की पूछताछ और जांच में यह बात भी सामने आई है कि बिशप पीसी सिंह ने भोपाल डायोसिस के माध्यम से नीमच में जमीन ली थी। पीसी सिंह ने यह जमीन सस्ते दाम पर ट्रस्ट के नाम से ली थी। यह जानकारी लगने के बाद ईओडब्ल्यू की टीम अब नीमच की जमीन और ट्रस्ट के दस्तावेज जुटाने में लग गई है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन तथा पूर्व बिशप पीसी सिंह के करीबियों से इस जमीन के संबंध में दस्तावेज मंगाए जा रहे हैं।
एडवर्ड से भी हो सकती है पूछताछ
- ईओडब्ल्यू की टीम को जांच में यह भी पता चला है कि पूर्व बिशप पीसी सिंह का सबसे करीबी सुरेश जैकब था। इधर, बिशप मनोज चरण का सबसे करीबी एडवर्ड मगनजी को माना जाता है। बिशप मनोज चरण का पूरा काम एडवर्ड मगनजी देखा करता था। इसलिए जांच के दौरान तथ्यों का पता लगाने के लिए मगनजी को भी ईओडब्ल्यू कार्यालय बुलाया जा सकता है।
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