बेटियों को केवल पूजना ही नहीं, उन्हें बचाना व सबकी लाडली बनाना जरूरी

- 14 अक्टूबर को होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार काे मुख्यमंत्री निवास पर मिंटो हाल में होने वाले राज्य स्तरीय लाड़ली लक्ष्मी उत्सव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बेटियों की समृद्धि और उन्हें सशक्त बनाने के लिए आयोजित इस उत्सव में प्रत्येक आंगनबाड़ी एवं पंचायत भवनों में वर्चुअल माध्यम से बालिकाओं को जोड़ा जाए। उत्सव में प्रदेश की 21 हजार 550 लाड़लियों को 5 करोड़ 99 लाख रुपए की छात्रवृत्ति का ऑनलाइन अंतरण किया जाएगा।
प्रदेश के गांव-गांव में होगा प्रसारण
इस कार्यक्रम का प्रत्येक गांव, आंगनबाड़ी केन्द्र, समस्त परियोजनाओं, जनपदों, नगरपालिका, जिला मुख्यालय पर टीवी, कम्प्यूटर, लेपटाप, मोबाइल एवं दूरदर्शन से उत्सव का प्रसारण सुनिश्चित किया जाए। सभी जन-प्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी, शौर्या दल, स्व-सहायता समूह एवं मातृ सहयोगिनी के सदस्यों को इस प्रसारण के लिंक भेजकर लाड़लियों और उनकी माताओं को उत्सव से जुड़ने का संदेश दिया जाए। उत्सव के पोर्टल पर फोटो अपलोड करने और फीड बेक दर्ज कराने तथा सभी लड़ली लक्ष्मियों से सुझाव प्राप्त किए जाने की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।
लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 को और बेहतर बनाया जाए
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 को और अधिक बेहतर बनाए जाने के के लिए जनता से सुझाव लिए जाएं। साल में एक दिन तय कर लाड़ली लक्ष्मी उत्सव का आयोजन सुनिश्चित किया जाए। लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 को बेहतर बनाने के लिए सभी लाड़लियों के कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद स्नातक और व्यवसायिक पाठ्यक्रम में कम से कम दो वर्ष की पढ़ाई पूरी करने पर संबंधित संस्थाओं में प्रवेश पर 20 हजार रूपए की राशि देने का सुझाव दिया गया। प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी दिवस का आयोजन उत्सव के रूप में राज्य, जिला, ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाए। लाड़ली लक्ष्मी पंजीयन के समय जन्म प्रमाण-पत्र मुख्यमंत्री के संदेश के साथ जारी किया जाए। लाड़ली लक्ष्मी का शत-प्रतिशत टीकाकरण एवं एनीमिया मुक्त करने के साथ पोषण का खयाल रखा जाए।
ग्रामों को लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित करने का सुझाव
समुचित पेरामीटर के आधार पर ग्राम पंचायतों और ग्रामों को लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित करने, महिला, वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए लाड़ली लक्ष्मियों का पोर्टल तैयार करने का सुझाव रखा गया। पोर्टल के माध्यम से लाड़ली लक्ष्मियों की अभिरूचि की पहचान कर कक्षा 12 वीं पास लाड़ली लक्ष्मियों को प्रशिक्षण देने, 18 वर्ष से ऊपर की प्रत्येक लाड़ली लक्ष्मी को लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस प्रशिक्षण उपरांत जारी करने तथा ऐसी लाड़ली लक्ष्मी, जो व्यवसायिक प्रशिक्षण नहीं लेना चाहतीं, को परफार्मिंग आर्टस और फाईन आर्टस से रूचि अनुसार जोड़े जाने के सुझाव दिए गए। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव महिला-बाल विकास अशोक शाह, आयुक्त जनसम्पर्क डॉ.सुदाम खाडे, संचालक महिला-बाल विकास डॉ. आरआर भोंसले उपस्थित थे।
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