मध्यप्रदेश में अब 21 साल के युवा भी बन सकेंगे अध्यक्ष, अध्यादेश को राज्यपाल से मिली मंजूरी, जानिए पहले थी क्या व्यवस्था

भोपाल। मध्यप्रदेश नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष की आयु घटाने के अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। निकाय चुनाव में आयु सीमा 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करने वाले संशोधित अध्यादेश को पहले मुख्यमंत्री (CM) शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल ने पास किया था। मुख्यमंत्री के अनुमोदन बाद संशोधित अध्यादेश को राजभवन भेजा गया, जहां से भी मंजूरी मिल गई है। मंजूरी मिलने के बाद अब 21 साल के युवाओं का अध्यक्ष बनने का रास्ता क्लीयर हो गया है।
पहले 25 वर्ष की आयु वाले बन सकते थे अध्यक्ष
मंजूरी मिलने के बाद पार्षद और नगर पालिका, नगर परिषद अध्यक्ष पद की पात्रता उम्र समान हो जाएगी। फिलहाल अध्यक्ष बनने के लिए पात्रता आयु 25 वर्ष या उससे अधिक निर्धारित थी। जबकि पार्षद पद के लिए पात्रता आयु 21 साल है। इसके कारण 21 वर्ष की आयु में पार्षद बनने वाला अध्यक्ष नहीं बन सकता है। अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद अब 21 वर्ष के युवा भी स्थानीय निकायों में अध्यक्ष बन पाएंगे। इसके लिए सरकार मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 में संशोधन करेगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुमोदन से राज्यपाल को अध्यादेश भेजा गया था। नगरीय विकास और आवास विभाग ने राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित करने के लिए फाइल को विधि एवं विधायी विभाग को भेजा गया। विभागीय मंत्री ने अध्यादेश तैयार किया था। अध्यादेश में निकायों की सीमा परिवर्तन को दो माह पूर्व तक किया जा सकेग। पहले इसकी अवधि छह महीने थी।
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