अब 18 वीं मंजिल ऊपर तक लगी आग पर काबू पा सकेगा भोपाल का फायर ब्रिगेड अमला, जानिए कैसे संभव हो सकेगा यह

अब 18 वीं मंजिल ऊपर तक लगी आग पर काबू पा सकेगा भोपाल का फायर ब्रिगेड अमला, जानिए कैसे संभव हो सकेगा यह
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फायर ब्रिगेड ने बहुमंंजिला इमारतों में लगी आग और मोबाइल टॉवर पर चढ़े युवकाें को बचाने के लिए लिफ्ट मैक कंपनी की हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन खरीद ली है। 5 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत की इस मशीन ने फायर ब्रिगेड अमला 18वीं मंजिल तक की आग को आसानी से बुझा लेगा। साथ ही मोबाइल टॉवर, बहुमंजिला इमारतों में फंसे लोगों को भी आसानी से रेस्क्यू कर सकेगा। इस मशीन को खरीदने के लिए अमले ने 2019 में ऑर्डर प्लेस कर रखा था, लेकिन कोविड काल के कारण इसकी खरीदी लगातार टल रही थी।

भोपाल। फायर ब्रिगेड ने बहुमंंजिला इमारतों में लगी आग और मोबाइल टॉवर पर चढ़े युवकाें को बचाने के लिए लिफ्ट मैक कंपनी की हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन खरीद ली है। 5 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत की इस मशीन ने फायर ब्रिगेड अमला 18वीं मंजिल तक की आग को आसानी से बुझा लेगा। साथ ही मोबाइल टॉवर, बहुमंजिला इमारतों में फंसे लोगों को भी आसानी से रेस्क्यू कर सकेगा। इस मशीन को खरीदने के लिए अमले ने 2019 में ऑर्डर प्लेस कर रखा था, लेकिन कोविड काल के कारण इसकी खरीदी लगातार टल रही थी। खास बात यह है कि यह मशीन पूरी तरह से स्वदेशी है। अमले से मिली जानकारी के अनुसार मैक इन इंडिया प्रोड्क्टस को प्रमोट करने के लिए इस स्वदेशी मशीन को अमले में शामिल किया गया है।

लंबे समय से महसूस की जा रही थी जरूरत

फायर ब्रिगेड के अमले में हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। बहुमंजिला इमारतों में लगी आग को बुझाने के लिए अमले को खासी मशक्कत करनी पड़ती थी, क्योंकि अभी जो हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म उपलब्ध है। वह लगभग 35 साल पुराना है। अशोक लीलेंड कंपनी के चेसिस पर बने इस हाइड्रॉलिक की पहुंच 72 फीट तक है। इससे ऊंची इमारतों पर फायरकर्मी नहीं पहुंच सकते थे। वर्तमान में शहर में बन रही बड़ी इमारतों को देखते हुए इस नए हाइड्रॉलिक की जरूरत महसूस की जा रही थी।

महिंद्रा नेविस्टार के चेसिस पर बना है नया हाइड्रॉलिक

नए हाइड्रॉलिक को महिंद्रा नेविस्टार ब्लेजो एक्स 49 मॉडल के चेसिस पर डेवलप किया गया है। इसे फिट करने के लिए विदेश से टीम को बुलाया गया था। 49 टन पेलोडिंग क्षमता के इस वाहन पर इस मशीन को फिट किया गया है। इस मशीन में 16 व्हील्स दिए गए हैं, जिसमें से 4 स्टियरिंग के साथ मूव होते हैं। इसलिए इस भारी वाहन को भीड़ में भी आसानी से मोड़ा जा सकता है।

आसान होगा रेस्क्यू करना

फायर ब्रिगेड के अमले में एक आधुनिक हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म की जरूरत महसूस की जा रही थी। इस नए प्लेटफॉर्म को अमले में शामिल किया गया है। इससे रेस्क्यू करना आसान होगा।

रामेश्वन नील, फायर ऑफिसर

मेक इन इंडिया का असर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया थीम का असर सरकारी योजनाओं में दिखने लगा है। गत दिनों भोपाल फायर ब्रिगेड के बेड़े में शामिल हुई आधुनिक हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म मशीन में इस थीम का बहुत बड़ा फायदा साफ देखा जा सकता है। अब तक भारत में फायर ब्रिगेड के लिए हाइड्रॉलिक मशीनें विदेशों से ही आयात की जाती थीं। आमतौर पर ऐसी मशीनों की कीमत 18 करोड़ से 20 करोड़ के तक होती है, लेकिन हाल ही में खरीदी गई मशीन केवल 5 करोड़ 40 लाख रुपए में फायर अमले के बेड़े का हिस्सा बन गई। ऐसे में करीब 14 करोड़ 60 लाख रुपए तक की बचत फायर ब्रिगेड को हुई है। दरअसल] विदेश से आनी वाली मशीनों में बड़े पैमाने पर टैक्स वसूला जाता है, जिसके कारण इनकी कीमत बढ़ जाती है। बेड़े में शामिल हाइड्रॉलिक मशीन लिफ्टमैक कंपनी से खरीदी गई है। यह कंपनी पूरी तरह से स्वदेशी है और हरियाणा के गुड़गांव में स्थित है। कंपनी विभिन्न तरीके के हाइड्रॉलिक मशीन का निर्माण करती है।

निगम के बेड़े जल्द शामिल होंगी 6 फायर ब्रिगेड

इसके अलावा शहर की जरूरतों को देखते हुए फायर ऑफिसर रामेश्वर नील ने 6 नई फायर ब्रिगेड की गाड़ियोंं को खरीदने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। जिसे जल्दी ही वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेजा जाएगा। इन नई 6 गाड़ियों को खरीदने से पहले विभिन्न कंपनियों के टेंडर बुलवाए जाएंगे। जो कंपनी कम रेट में फायर ब्रिगेड की जरूरतों को देखते हुए अच्छी गाड़ी देगी। उसे टेंडर दिया जाएगा।

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