अब भोपाल के जेपी अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने में नहीं होगी दिक्कत, जानिए की जा रही है क्या व्यवस्था

अब भोपाल के जेपी अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने में नहीं होगी दिक्कत, जानिए की जा रही है क्या व्यवस्था
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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल में कम बिस्तर के चलते मरीजों को भर्ती करने में आने वाली दिक्कत दो साल में हल हो जाएगी। यहां ओपीडी ब्लाक के ऊपर 100 बिस्तर के वार्ड बनाने की मंजूरी शासन ने दी है। इसकी डिजाइन भी तैयार हो चुकी है। काम शुरू होने के बाद डेढ साल के भीतर वार्ड तैयार हो जाएंगे। यहां मेडिसिन और सर्जरी के मरीजों को भर्ती किया जाएगा।

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल में कम बिस्तर के चलते मरीजों को भर्ती करने में आने वाली दिक्कत दो साल में हल हो जाएगी। यहां ओपीडी ब्लाक के ऊपर 100 बिस्तर के वार्ड बनाने की मंजूरी शासन ने दी है। इसकी डिजाइन भी तैयार हो चुकी है। काम शुरू होने के बाद डेढ साल के भीतर वार्ड तैयार हो जाएंगे। यहां मेडिसिन और सर्जरी के मरीजों को भर्ती किया जाएगा।

मौजूदा ओपीडी ब्लाक दो मंजिला है। इसके ऊपर एक मंजिला में सौ बिस्तर के वार्ड तैयार किए जाएंगे। इस ब्लाक में अभी सभी विभागों की ओपीडी के अलावा पैथोलाजी लैब और डायलिसिस यूनिट है। जेपी में कुल 430 बिस्तर हैं। इनमें 100 बिस्तर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा कोरोना, डेंगूू, स्वाइन फ्लू के लिए वार्ड तैयार किए गए हैं। पोषण पुनर्वास केंद्र में 10 बिस्तर हैं। ऐसे में मेडिसिन, सर्जरी, हड्डी विभाग के वार्ड में मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह कम पड़ जाती है। महिला मेडिकल वार्ड सबसे छोटा है। दो बिस्तरों के बीच तीन फीट की दूरी होनी चाहिए, लेकिन एक-एक फीट की दूरी में बिस्तर लगाए गए हैं।

डिजाइन तैयार

सौ बिस्तर वाले वार्ड बनाने के लिए डिजाइन तैयार हो गई है। इसके अलावा 270 बिस्तर का तीन मंजिला एक अलग अस्पताल भी बनाया जाना है। पावर स्टेशन शिफ्ट किए जाने के बाद इसका भी निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। डॉ राकेश श्रीवास्तव, अधीक्षक, जेपी अस्पताल

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