Bhopal News: नर्सों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था ठप, मरीजों को नहीं मिल पा रहा समय से इलाज

Bhopal News : सरकारी अस्पतालों में चल रही नर्सों की हड़ताल में दूसरे दिन मंगलवार को फार्मासिस्ट (Pharmacist) और पैरामेडिकल स्टाफ (Paramedical Staff) भी शामिल हो गए है। हड़ताल के चलते जेपी और काटजू के साथ तीन सिविल अस्पताल में मरीज इलाज के साथ दवाओं के लिए भी परेशान होते रहे है। हड़ताल में नर्सों का एक धड़ा शामिल नहीं है, वहीं संविदा नर्सों ने भी खुद को आंदोलन से दूर रखा है। अकेले भोपाल में ही हड़ताल पर जाने वाली नर्सों की संख्या 350 के करीब है। वहीं संविदा नर्सों की संख्या इन पांचों केंद्र में 100 से भी कम है। जिसमें से लगभग 20 के करीब छुट्टी पर हैं। नर्सों के साथ रोगी कल्याण समिति के कर्मचारी फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डायलिसिस टेक्नीशियन, डेंटल असिस्टेंट, कम्प्यूटर आपरेटर, वाहन चालक, कक्ष सेवक और भृत्त भी शामिल हैं। इनके हड़ताल पर जाने से मरीजों की परेशानियां बढ़ गई हैं। वहीं जेपी अस्पताल के अधीक्षक राकेश श्रीवास्तव (Rakesh Srivastava) ने बताया कि मंगलवार को अस्पताल में तीन ऑपरेशन किए गए है। जबकि रोजाना 10 से ज्यादा ऑपरेशान किए जाते हैं।
ट्रेनी छात्र ना फार्म भर पाए न बॉटल लगा पाए
नर्सों के ना होने पर अस्पताल में संविदा के साथ ट्रेनी छात्रों कर ड्यूटी इमरजेंसी (Duty Emergency) और वार्डों में लगाई गई है। लेकिन यह छात्र ना तो मरीजों को कैनुला (बॉटल) लगा पाए ना ही मरीजों को भर्ती करने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी कर पा रहे थे। मंगलवार को सीने में दर्द की शिकायत लेकर एक युवक जेपी अस्पताल पहुंचा तो इमरजेंसी में ईसीजी के बाद उसे भर्ती के लिए वार्ड भेज दिया गया है। यहां ट्रेनी छात्र न तो मरीज की जांच कर पाए न ही भर्ती के लिए जरूरी कागजी कार्रवाई कर पाए।
मरीज को करीब एक घंटे तक बाहर बैठना पड़ा
इसी तरह अशोका गार्डन निवासी सरिता पवार जेपी अस्पताल (Jaypee Hospital) में भर्ती हैं। बुखार और कमजोरी की शिकायत के बाद भर्ती हुई थी। दर्द से कराहती सरिता ने बताया कि उनके हाथ में लगे कैनुला के कारण सूजन आ गई । दूसरा कैनुला लगाने का प्रयास किया गया था। लेकिन नर्स को कई प्रयासों के बाद भी नस ही नहीं मिली।
मरीजों से कहा 15 दिन बाद आना
पेट में गांठ की शिकायत लेकर जेपी अस्पताल (Jaypee Hospital) पहुंची राधा बाई को ऑपरेशन के लिए मंगलवार को बुलाया गया था। यहां आई तो डॉक्टरों ने कहा कि अब 15 दिन बाद आना, हड़ताल कितने दिन चलेगी पता नहीं। महिला ने बताया कि उसे पेट में दर्द हो रहा है तो डॉक्टर ने उसे प्राइवेट अस्पताल जाने को कह दिया। इसी तरह काटजू अस्पताल में गर्भवती महिलाएं सोनोग्राफी रिपोर्ट के लिए यहां से वहां परेशान होती रहीं।
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हमीदिया की नर्सें भी होंगी शामिल
वर्तमान में नर्सिंग स्टाफ की जो हड़ताल की जा रही है वह नर्सिंग आफिसर एसोसिएशन (Nursing Officers Association) की ओर से की जा रही है। अधिकांश नियमित नर्सिंग स्टाफ इस हड़ताल में शामिल नहीं है। लेकिन, अब नर्सेस एसोसिएशन ने भी हड़ताल की घोषणा कर दी है। जिला अध्यक्ष कंचना खातरकर ने बताया कि बुधवार को मुख्यमंत्री समेत सभी जिम्मेदारों को ज्ञापन सौपेंगे। 19 जुलाई को धरना और 26 जुलाई को आगे की रणनीत बनाएंगे। ऐसे में अगर नर्सेस एसोसिएशन हड़ताल पर गया तो प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्थाएं होना तय है।
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